पंजाब के बाद अब हरियाणा में भी गन्ने का भाव बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को घोषणा की कि गन्ने के रेट के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, जोकि 15 दिन में रिपोर्ट देगी. इसके बाद कमेटी की रिपोर्ट के हिसाब से फैसला लिया जाएगा. कृषि मंत्री समेत कृषि विशेषज्ञ इस कमेटी का हिस्सा होंगे. पंजाब में हुई गन्ने के दाम में वृद्धि से पहले ही हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल कह चुके हैं कि किसानों की भलाई को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही गन्ने के भाव तय किए जाएंगे. पंजाब सरकार ने अक्टूबर 2022 के पहले सप्ताह में ही गन्ने का भाव 20 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया था. इसके बाद वहां गन्ने का रेट देश में सबसे अधिक 380 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.
ऐसे में हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार पर भी गन्ना किसानों ने रेट बढ़ाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है. बहरहाल, हरियाणा में इस समय 362 रुपये प्रति क्विंटल का रेट है. पिछले साल जब पंजाब सरकार ने 360 रुपये का भाव तय किया था तब खुद को पंजाब से आगे दिखाने के लिए मनोहरलाल खट्टर ने अपने सूबे में गन्ने का भाव पंजाब से 2 रुपये अधिक कर दिया था. इसलिए किसान संगठनों को अनुमान है कि इस बार हरियाणा में गन्ने का भाव 382 या 385 रुपये क्विंटल हो सकता है. नए रेट का तोहफा नए साल में मिलेगा.
हरियाणा में तो सरकार ने गन्ने का भाव बढ़ाने के लिए कमेटी गठित करने का एलान कर दिया है. लेकिन, यूपी में अब तक इसे लेकर कोई चर्चा शुरू नहीं हुई है. यूपी के किसान महंगाई को देखते हुए गन्ने का भाव 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं. यहां पर अभी सबसे कम सिर्फ 350 रुपये क्विंटल भाव है. किसानों को उम्मीद है कि हरियाणा में दाम बढ़ने के बाद यूपी में भी सरकार कुछ न कुछ करेगी. क्योंकि सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक यही है. यूपी में पिछले साल सरकार ने 25 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया था.
किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह का कहना है कि इस वक्त खेती की लागत इतनी बढ़ गई है कि 400 रुपये से कम दाम पर गन्ना उत्पादक किसान को फायदा नहीं होगा. अगर पंजाब सरकार अपने किसानों के लिए दाम बढ़ा सकती है, हरियाणा में इसकी तैयारी हो सकती है तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं. केंद्र द्वारा गन्ने का एफआरपी (उचित और लाभकारी मूल्य) बढ़ाने और पंजाब के दांव के बाद अब यूपी के किसान भी दाम में वृद्धि चाहते हैं.
केंद्र सरकार ने अक्टूबर से शुरू हुए गन्ना सीजन 2022-23 के लिए पहले ही एफआरपी में 15 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि कर दी थी. इसके बाद चीनी मिलों द्वारा दिए जाने वाला गन्ने का न्यूनतम दाम 305 रुपए प्रति क्विंटल हो चुका है. लेकिन यह दाम 10.25 परसेंट चीनी रिकवरी पर मिलता है. हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब में एफआरपी से अलग अपनी कीमत तय होती है. जिसे स्टेट एडवायजरी प्राइस (एसएपी) कहते हैं.
ये भी पढ़ें:
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today