मुख्यमंत्री भगवंत मान के आश्वासन के बाद गन्ना किसानों ने धरना- प्रदर्शन वापस ले लिया है. सभी किसान अपने- अपने घर चले गए हैं. इससे सड़कों पर यातायात व्यवस्था फिर से पहले की तरह हो गई है. दरअसल, पंजाब के किसान पिछले कई दिनों से गन्ने की कीमत बढ़ाए जाने को लेकर जालंधर के पास रेलवे लाइन और हाइवे पर बैठे हुए थे. इससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई थी. आम लोगों को भी एक जगह से दूसरी जगह जाने में परेशानी हो रही थी. ऐसे में सीएम मान ने किसान संगठनों के साथ बैक कर उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद किसानों ने धरने को खत्म कर दिया.
वहीं, मुख्यमंत्री मान ने कहा कि किसानों को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. सरकार आने वाले दिनों में गन्ने की कीमत बढ़ाकर किसानों को अच्छी खबर देगी. यह सरकार किसानों की भलाई के लिए हमेशा तैयार है. भगवंत मान ने कहा है कि सरकार जल्द ही गन्ना मिल मालिकों के साथ भी बातचीत करेगी. बातचीत के बाद किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया जाएगा.
सीएम मान ने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब राज्य सरकार ने गन्ने की कीमतों का पूरा बकाया अदा कर दिया है. उन्होंने कहा कि बातचीत करने के लिए सरकार के दरवाजे किसानों के लिए हमेशा खुले हैं. लेकिन मांगे मनवाने के लिए सड़कों पर जाम लगाना सही नहीं है.
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दरअसल, पंजाब के किसान गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे हैं. मौजूदा समय में पंजाब में गन्ने की कीमत 380 रुपए प्रति क्विंटल है. जबकि, पड़ोसी राज्य हरियाणा में 386 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदा जा रहा है. लेकिन पंजाब के किसान 450 रुपए प्रति क्विंटल रेट की मांग कर रहे हैं. हालांकि, किसानों की मांग पर गन्ने की कीमत में 10 से 20 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ोतरी करने की उम्मीद जताई जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में 16 जिलों में किसान बड़े स्तर पर गन्ने की खेती करते हैं. पिछली सरकारों के दौरान किसानों को समय पर गन्ने का भुगतान नहीं किया जाता था. उनकी माने तो पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान गन्ना किसानों का करीब 700 करोड़ रुपये बकाया था. लेकिन हमारी सरकार आने के बाद ये राशि अदा की गई. अब राज्य में दो ऐसी चीनी मिलें रह गई हैं, जिनका बकाया रह गया है. उनके अनुसार एक मिल का मात्र 46 लाख और दूसरी धूरी मिल का 14 करोड़ रुपये बकाया है.
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