Stubble Burning: पराली जलाने वाले सात किसानों पर जुर्माना, पांच कंबाइन हार्वेस्टर मशीन सीज

Stubble Burning: पराली जलाने वाले सात किसानों पर जुर्माना, पांच कंबाइन हार्वेस्टर मशीन सीज

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती कर रहा है कृषि विभाग. बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के कम्बाइन हार्वेस्टर से धान फसल की कटाई न कराने की चेतावनी. ऐसी मशीनों को सील करने का ऐलान. पराली सड़ाने के लिए पूसा डिकंपोजर का प्रयोग करें किसान. 

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Stubble Burning: पराली जलाने वाले सात किसानों पर जुर्माना, पांच कंबाइन हार्वेस्टर मशीन सीजपराली जलाने की घटनाएं नहीं हो रही है कम

यूपी के फ़तेहपुर जिले में कृषि विभाग के जागरूकता कार्यक्रम के बावजूद किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने का सिलसिला जारी है. सेटेलाइट रिपोर्ट के आधार पर 28 जगहों पर पराली और कूड़ा जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. सात किसानों पर जुर्माना लगाया गया है. साथ ही धान की कटाई करने वाले पांच कंबाइन हार्वेस्टर मशीन को  सीज किया गया है. उधर कृषि उप निदेशक के मुताबिक गौशालाओं में पराली दान देने वाले किसानों को प्राथमिकता के तौर पर विभाग की तरफ से निशुल्क चना, मटर, राई, सरसों के मिनीकिट दिए जाएंगे.

फ़तेहपुर जिले में खेतों में पराली न जलाने के लिए कृषि विभाग किसानों को लगातार जागरूक कर रहा है. लेकिन उसके बावजूद किसान खेतों में पराली जलाने से बाज नही आ रहे हैं. कृषि उप निदेशक राममिलन सिंह परिहार ने बताया कि जनपद में अभी तक 28 जगहों पर कुछ जलाने के केस सैटेलाइट रिपोर्ट में आई है. जिनमें से पराली जलाने की घटनाएं 11 हुई हैं. कूड़ा करकट जलाने की घटनाएं 12 आई है और 5 घटनाएं ऐसी आई है जिसमे कोई पराली या कूड़ा करकट जलाने की पुष्टि मौके पर नहीं हुई है.

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किसानों पर कितना लगा जुर्माना

जिले के 7 किसानों पर साढ़े सत्रह हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जबकि पांच कम्बाइन हार्वेस्टर को सीज करने की कार्रवाई की गई. बाकी चार किसानों के खेतों का सत्यापन के बाद उन पर भी जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी. कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि फसल अवशेषों को खेतों में कतई न जलाएं और बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के कम्बाइन हार्वेस्टर से धान फसल की कटाई न कराएं. 

पराली को सड़ाने के लिए निशुल्क डिकंपोजर

कृषक पराली को खेतों में सड़ाकर इन-सीटू प्रबंधन के लिए वेस्ट डिकंपोजर का प्रयोग करें. यह राजकीय कृषि बीज भंडारों पर निशुल्क उपलब्ध है. गोशालाओं को जो भी किसान पराली दान देगा उन्हें प्राथमिकता के आधार पर निशुल्क चना, मटर, राई, सरसों के मिनीकिट उपलब्ध कराए जाएंगे.

पराली न जलाएं किसान

परिहार ने कहा कि पराली को किसान खेतों में कतई न जलाएं. इसके जलाने से वायु प्रदूषण होता है और जमीन की उर्वरता खत्म होती है. इसी तरह बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के कम्बाइन हार्वेस्टर से धान फसल की कटाई न कराएं. ऐसी मशीनों को सील किया जाएगा. पराली को सड़ाने के लिए पूसा डिकंपोजर का प्रयोग करें. इससे पराली खाद बन जाएगी. ( रिपोर्ट/ नितेश)  श्रीवास्तव

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