Stubble Burning: पराली जलाने के मुद्दे पर आमने-सामने क‍िसान और हर‍ियाणा सरकार 

Stubble Burning: पराली जलाने के मुद्दे पर आमने-सामने क‍िसान और हर‍ियाणा सरकार 

भारतीय क‍िसान यून‍ियन-चढूनी ग्रुप के नेता ने कहा क‍ि सरकार पराली जलाने वाले क‍िसानों पर न जुर्माना लगाए और न मुकदमा करे वरना हम आंदोलन शुरू करेंगे. अगर सरकार क‍िसानों पर केस कर रही है तो उन अध‍िकार‍ियों पर भी करे ज‍िनकी वजह से अब तक क‍िसानों को मुआवजा नहीं म‍िला.  

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Stubble Burning: पराली जलाने के मुद्दे पर आमने-सामने क‍िसान और हर‍ियाणा सरकार पराली जलाने के मुद्दे पर सरकार हुई सक्त तो किसानों ने भी दी चेतावनी

पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सरकार में पराली को लेकर सियासत हमेशा से ही गर्म रहती है. लेकिन जैसे-जैसे धान कटाई का समय नजदीक आता है वैसे-वैसे किसान भी पराली को लेकर दुविधा में रहते हैं कि इसको जलाएं या फिर इसके प्रबंधन के लिए क्या तैयारी करें. इस बीच हरियाणा के सोनीपत में कई किसानों पर पराली जलाने को लेकर जुर्माना हो चुका है. मुकदमे दर्ज क‍िए जा रहे हैं. इसके खिलाफ भारतीय किसान यूनियन-चढूनी ने मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को सोनीपत के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में युवा किसान नेता वीरेंद्र पहल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पराली के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी. इसे देखकर ऐसा लगता है कि पराली को देखकर सरकार और किसान आमने-सामने आ गए हैं. 

हरियाणा में किसान अबकी बार पराली न जलाएं और इस ओर सरकार कड़े कदम उठा रही है. जो किसान पराली जला रहा है उसके खिलाफ पहले तो जुर्माना लगाया जा रहा है,फिर उसके बाद पुलिस में एक मुकदमा दर्ज करवाया जा रहा है. जिसको लेकर सोनीपत जिला प्रशासन ने एक्शन भी शुरू कर दिया है. कई दिन पहले सोनीपत के गोहाना में कई किसानों पर पराली जलाने को लेकर जुर्माना लगाया गया. जिला उपायुक्त मनोज कुमार ने जिले में धारा 144 भी लगा दी है, किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं.

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क‍िसानों पर ही केस क्यों? 

भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के युवा जिला अध्यक्ष वीरेंद्र पहल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार और जिला प्रशासन किसानों के लिए फतवा जारी कर रहे हैं कि किसानों ने अगर परली जलाई तो उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज होंगे.  उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. हम प्रशासन से यह पूछना चाहते हैं कि किसानों की खराब हुई फसलों का मुआवजा देने में इतनी जल्दी क्यों नहीं की जाती. अभी तक मुआवजा क्यों नहीं जारी किया गया. 

मुआवजा देने में जो अधिकारी देरी कर रहे हैं, सरकार उन पर भी तो मुकदमा दर्ज करे. क्या वो स‍िर्फ पराली जलाने वाले क‍िसानों पर ही मुकदमा दर्ज करेगी. पहल ने कहा क‍ि आज किसानों के खेतों में बिजली की व्यवस्था अच्छे से नहीं है. बिजली बिलों के भुगतान किसान खुद कर रहा है. लेकिन उसके बाद भी पर्याप्त बिजली नहीं दी जा रही है. खेतों में जाने वाली सड़कें जर्जर हालत में हैं. उन पर काम नहीं हो रहा है. इसके लिए जो भी अधिकारी ज‍िम्मेदार हैं उन पर सरकार मुकदमा कब दर्ज करेगी.  

सरकार निकाले समाधान 

पहल ने कहा किसरकार पराली न जलने पर हमें 1000 रुपये देती है, लेकिन हम सरकार से यह कहना चाहते हैं कि हम सरकार को 1000 देंगे लेकिन पराली का उचित समाधान कर दे. उन्होंने कहा कि हम सरकार से जुर्माना और मुकदमा न करने की अपील करते हैं. अगर सरकार ने इन आदेशों को वापस नहीं लिया तो हम सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने से भी पीछे नहीं हटेंगे. क‍िसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे.

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