बंपर उपज देती है पालक की ये वैरायटी, 60 रुपये में घर बैठे ऑनलाइन खरीदें बीज, ये है तरीका

बंपर उपज देती है पालक की ये वैरायटी, 60 रुपये में घर बैठे ऑनलाइन खरीदें बीज, ये है तरीका

राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation)  किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पालक की उन्नत किस्म ऑल ग्रीन का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज आसानी से मिल जाएंगे.

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बंपर उपज देती है पालक की ये वैरायटी, 60 रुपये में घर बैठे ऑनलाइन खरीदें बीज, ये है तरीका  पालक की ये वैरायटी

हरी सब्जियों में पालक की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है. पालक की खेती अगस्त और सितंबर में करना बेस्ट होता है. ऐसे में ये समय पालक की खेती करने के लिए उपयुक्त है. लेकिन, अधिकतर किसान खेती के समय इसकी अलग-अलग किस्मों को लेकर कंफ्यूज रहते हैं. उनके लिए आज हम पालक की एक बेस्ट वैरायटी के बारे में बताएंगे, जिसके बीज मंगवाकर किसान खेती कर सकते हैं. इस किस्म का नाम ऑल ग्रीन है. इस फसल के बीज को आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.

यहां से खरीदें पालक के बीज

राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation)  किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पालक की उन्नत किस्म ऑल ग्रीन का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.

पालक के इस बीज की खासियत

पालक की ऑल ग्रीन किस्म एक अधिक उपज देने वाली किस्म है. इसकी खेती बरसात के मौसम में ज्यादा की जाती है. इस किस्म के पौधे एक समान हरे, आकार में चौड़े और मुलायम होते हैं. वहीं, बुवाई से करीब 35 से 40 दिन में फसल तैयार हो जाती है. इसके बाद लगभग 20 से 30 दिन के अन्तराल पर इसके पत्ते कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. इस किस्म की 6 से 7 बार कटाई आसानी से की जा सकती है.

ऑल ग्रीन बीज की कीमत

अगर आप भी पालक की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं तो ऑल ग्रीन किस्म के बीच अपनाना बेहतर विकल्प रहेगा. इसका 250 ग्राम का पैकेट बहुत सस्ते में यानी मात्र 60 रुपये में ऑनलाइन मिल जाएगा. आप इस बीज को ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर मंगवा सकते हैं.

जानिए कैसे करें पालक की खेती

भारत में पालक की खेती तीनों फसल चक्र यानी रबी, खरीफ और जायद में की जाती है. अच्छी जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी में पालक को अच्छी पैदावार मिलती है. पालक की उन्नत किस्मों को उगाने और अच्छी पैदावार को प्राप्त करने के लिए खेत की मिट्टी का भुरभुरा होना आवश्यक होता है. जुताई के बाद खेत को कुछ समय के लिए ऐसे ही खुला छोड़ दें, जिससे खेत की मिट्टी में अच्छी तरह से धूप लग जाए. चूंकि पालक की फसल की कटाई को कई बार किया जाता है. इसलिए इसके पौधों को अधिक उर्वरक की आवश्यकता होती है. इसके लिए खेत की जुताई के बाद उसमें पर्याप्त मात्रा में उर्वरक देना चाहिए.

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