बारिश से बढ़ सकती है प्राकृतिक रबर की उपज, बागानों में अभी तक नहीं दिखा फंगस रोग

बारिश से बढ़ सकती है प्राकृतिक रबर की उपज, बागानों में अभी तक नहीं दिखा फंगस रोग

वित्त वर्ष 2024 में, प्राकृतिक रबर का उत्पादन 8,39,000 टन से बढ़कर 8,57,000 टन हो गया, जिसमें मामूली 2.14 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. खपत 13,50,000 टन से बढ़कर 14,16,000 टन हो गई. जियोजित कमोडिटी साप्ताहिक अंतर्दृष्टि में कहा गया है कि घरेलू और विदेशी बाजार में प्राकृतिक रबर का कारोबार मजबूती के साथ हुआ. 

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बारिश से बढ़ सकती है प्राकृतिक रबर की उपज, बागानों में अभी तक नहीं दिखा फंगस रोग बारिश से रबर की फसल को फायदा. (सांकेतिक फोटो)

इस साल रबर की अच्छी पैदावार होगी, क्योंकि गर्मियों की बारिश फसल के लिए वरदान से कम नहीं है. वहीं, अभी तक रबर के बागान में पत्ती रोग के कोई संकेत नहीं मिले हैं. ऐसे में इस साल रबर की बंपर उत्पादन की उम्मीद की जा रही है. रबर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पीसी साइराक ने कहा कि केरल में गर्मियों की बारिश में देरी के बाद रबर बेल्ट एक नए टैपिंग सीजन की तरफ बढ़ रहा है. ऐसे में फिर से रबर के पेड़ में पत्ते तेजी से फूट रहे हैं. नई अंकुरित चौड़ी व स्वस्थ पत्तियों में ओडियम जैसी किसी फफूंद जनित बीमारी का कोई लक्षण नहीं दिख रहा है.

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन रबर डीलर्स फेडरेशन के अध्यक्ष जॉर्ज वैली ने कहा कि मध्य त्रावणकोर बेल्ट में एक पखवाड़े पहले गर्मियों की बारिश शुरू हुई. वहीं, कुछ दिन पहले कोट्टायम क्षेत्र में मानसून की शुरुआत से पहले हुई इसी तरह की बारिश ने किसानों को बारिश से पहले रबर के पेड़ों की रखवाली करने में मदद की है. हालांकि, मार्च में उमस भरे मौसम का असर उत्पादन पर पड़ा है. उनके अनुसार, कई उत्पादक क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश हो रही है और कृषक समुदाय दोहन फिर से शुरू करने के लिए तैयार हो रहा है. वर्तमान में कीमतें एक साल पहले की इसी अवधि में 150 रुपये की तुलना में 180 रुपये पर स्थिर हैं. 

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क्या कहते हैं डीलर्स फेडरेशन के अध्यक्ष

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा घोषित सब्सिडी के साथ तुलनात्मक रूप से बेहतर कीमतों के साथ अनुकूल माहौल से रबर उत्पादन को पुनर्जीवित करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में कप लम्प्स और लेटेक्स को भी अच्छी कीमतें मिल रही हैं. सिरिएक ने कहा कि छोटे रबर उत्पादक इस उम्मीद में दोहन शुरू कर देते हैं कि एक दशक की कम कीमतों के बाद, नए सीजन में उन्हें अच्छी कीमतें मिलेंगी. उन्होंने कहा कि अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी रुझान अनुकूल है. जॉर्ज वैली ने उम्मीद जताई कि टायर उद्योग अच्छी खरीद के लिए घरेलू रबर बाजार में प्रवेश कर सकता है.

उत्पादन में हो सकती है बढ़ोतरी

वित्त वर्ष 2024 में, प्राकृतिक रबर का उत्पादन वित्त वर्ष 2022-23 में 8,39,000 टन से बढ़कर 8,57,000 टन हो गया, जिसमें मामूली 2.14 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. खपत 13,50,000 टन से बढ़कर 14,16,000 टन हो गई. जियोजित कमोडिटी साप्ताहिक अंतर्दृष्टि में कहा गया है कि घरेलू और विदेशी बाजार में प्राकृतिक रबर का कारोबार मजबूती के साथ हुआ. रबर बोर्ड ने भारतीय प्राकृतिक रबर के तहत ब्रांडिंग करने के लिए 15 मार्च से 30 जून तक रबर शीट के निर्यात के लिए 5 रुपये प्रति किलोग्राम के प्रोत्साहन की भी घोषणा की है.

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