गेहूं खरीद के केंद्रीय पूल के लिए पंजाब की सबसे अधिक हिस्सेदारी है. इसी कड़ी में पंजाब में गेहूं की सरकारी खरीद जारी है. इस बीच गेहूं खरीद के मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री का फॉर्म डिस्टिक संगरूर बना नंबर वन बन गया है. 23 अप्रैल 2023 तक संगरूर की मंडियों में 901639 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है, जबकि पिछले साल टोटल 874496 मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में आया था. अभी तक की खरीद के मामले में पटियाला दूसरे स्थान पर और फिरोजपुर गेहूं खरीद के मामले में तीसरे स्थान पर है, जबकि पंजाब का पठानकोट अब तक गेहूं उत्पादन के चलते मंडियों में हुई खरीद में सबसे पीछे हैं, जहां सिर्फ 23 अप्रैल 2023 तक 17118 मेट्रिक टन गेहूं मंडियों में आई है.
भले ही पंजाब में इस बार बेमौसम हुई बरसात और ओलावृष्टि के चलते किसानों का बड़े स्तर पर गेहूं की फसल का नुकसान हुआ है. साथ ही इसका असर पंजाब के कई जिलों में देखने को भी मिला. लेकिन, संगरूर में बारिश का असर ज्यादा नहीं दिखा. संगरूर में महज 43 गांव में ही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के चलते किसानों की गेहूं को नुकसान हुआ था.
अगर पिछले साल 2022 की बात की जाए तो उस समय किसानों की गेहूं की फसल का उत्पादन बहुत कम हुआ था. क्योंकि उस समय जब गेहूं पकने वाला था, तब बहुत तेज गर्मी पड़ी, जिसके चलते गेहूं के दाने का आकार और वजन बढ़ नहीं पाया, लेकिन इस बार किसान मानते हैं कि लास्ट तक मौसम ठंडा रहा. जिसके चलते इस बार गेहूं का झाड़ बहुत अच्छा रहा. जिले के डिप्टी कमिश्नर ने भी कहा कि संगरूर पंजाब के सभी जिलों में जिंसों की पैदावार में सबसे आगे और नंबर वन रहेगा.
गेहूं खरीद के मामले में पहले पर संगरूर है, जहां इस बार 901639 मीट्रिक टन गेहूं मंडी में आया. पटियाला दूसरे नंबर पर है, जहां 803477 मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में आया. वहीं इसके बाद पंजाब के फिरोजपुर में 568702 मीट्रिक टन, बठिंडा में 529235 मीट्रिक टन, लुधियाना में 500401 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है. मंडी बोर्ड के ही इस डेटा के अनुसार अभी तक 7532042 मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में अभी तक खरीदी गई और अभी पंजाब में 2 हफ्ते मंडियों में गेहूं की खरीद लगभग और चलेगी, यहां से आंकड़ा और बढ़ेगा, जिन जिलों में गेहूं की पैदावार में कमी आई है. वहां पर बारिश और ओलावृष्टि का असर देखने को भी मिला है.
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साल 2022 के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में टोटल 1 करोड 48 लाख 68 हजार 299 मीट्रिक टन गेहूं का पूरे पंजाब भर में उत्पादन हुआ था, जिसमें से मंडियों में 1 करोड़ से अधिक मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी और बाकी की गेहूं पंजाब में ज्यादातर किसान अपने घरों में खाने के लिए और अपने मवेशियों के लिए और बीज के लिए रख लिए थे.
संगरूर कृषि विभाग के चीफ एग्रीकल्चर ऑफिसर डॉ हरवंश सिंह ने बताया कि संगरूर और मलेरकोटला दो अलग-अलग जिले हैं, लेकिन उनका डाटा एक जगह इकट्ठा होता है, उसके अनुसार यहां पर 2 लाख 91 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती है. उन्होंने बताया कि किसानों के खेतों से गेहूं की फसल कट चुकी है, जो ज्यादातर मंडियों में आ चुकी है. वहीं संगरूर जिले के डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरावर सिंह ने बताया कि पंजाब भर में से संगरूर अभी तक गेहूं उत्पादन में सबसे आगे हैं क्योंकि संगरूर और मलेरकोटला के आंकड़ों को अगर जोड़ा जाए तो जितनी गेहूं की आमद पिछले साल हुई थी,इस साल दोनों जिलों में अभी उससे ज्यादा हो चुकी है. पिछले साल 8.5 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं का उत्पादन हुआ था, लेकिन इस बार 23 अप्रैल तक नौ लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की आवक हो चुकी है.
उन्होंने बताया कि संगरूर के किसानों ने बंपर फसल की पैदावार की है. संगरूर में बेमौसम हुई बरसात का असर इतना ज्यादा नहीं था, जितना कि पंजाब के दूसरे जिलों में था. इसलिए यहां पर गेहूं अच्छा हुआ है. संगरूर जिले में सिर्फ 43 गांव में ही बारिश का असर देखने को मिला था. यहां के किसानों को हमने मुआवजा दे दिया है. वहीं गेहूं खरीद का पैसा भी किसानों के खाते में लगातार जा रहा है. अभी तक 12.30 सौ करोड़ से ज्यादा पैसा किसानों के खाते में चला गया है और मंडियों से गेहूं की लिफ्टिंग भी हो रही है.
संगरूर की मंडियों में अपनी गेहूं लेकर आए किसानों का भी कहना है कि इस बार गेहूं की पैदावार बहुत अच्छी हो रही है. बारिश हुई थी, लेकिन उसका इतना असर नहीं हुआ. संगरूर मंडी में आए किसान हिम्मत सिंह का कहना है कि वह 16 एकड़ खेत की गेहूं मंडी में लेकर आए थे और जब उसको बेचा तो वह 22 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से उसका झाड़ निकला, लेकिन पिछली बार इतना नहीं था क्योंकि गर्मी के चलते गेहूं का नुकसान काफी हुआ था. इस बार मौसम ठंडा रहा उसके चलते गेहूं की पैदावार अच्छी हुई है.
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