प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानि सोमवार को तीसरी बार मध्यप्रदेश के रीवा जिले के दौरे पर हैं. इसके पहले वह मई 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान और दूसरी बार नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव का प्रचार करने रीवा आए थे. वहीं, पीएम मोदी ने आज रीवा में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित पंचायती राज सम्मेलन को संबोधित किया. एसएएफ ग्राउंड पर आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी 17,000 करोड़ की लागत वाली परियोजनाओं की आधारशिला भी रखे. इस दौरान पीएम मोदी ने पंचायती प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले की सरकार ने ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने की योजना शुरू की थी, लेकिन उस योजना के तहत 70 से भी कम ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया था, वह भी शहर के पास वाली पंचायतों तक ये सुविधा थी, लेकिन हमारी सरकार में 2 लाख से अधिक पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर की सुविधा दी है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि 30 लाख पंचायती प्रतिनिधि वर्चुअली जुड़े हुए हैं. ये निश्चित रूप से भारत के लोकतंत्र की सशक्त तस्वीर है. हम सभी जनता के प्रतिनिधि हैं. हम सभी देश और लोकतंत्र के लिए समर्पित हैं. काम के दायरे भले ही अलग हों, लेकिन लक्ष्य जनसेवा से राष्ट्र सेवा का एक ही है. उन्होंने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि गांव और गरीब का जीवन आसान बनाने के लिए कई योजनाएं केंद्र सरकार ने बनाई है उन्हें पूरा करने के लिए पंचायतें पूरी निष्ठा से जमीन पर उतार रही हैं. रीवा में आज ई ग्राम स्वराज और ई ग्राम पोर्टल को मिलाकर नई व्यवस्था शुरू की है, उससे काम आसान होगा. पीएम स्वामित्मव योजना से भी देश के 35 लाख परिवारों को भू कार्ड दिए गए हैं.
उन्होंने आगे कि आजादी के इस अमृतकाल में विकसित भारत का सपना देशवासियों ने देखा है. उसे पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की सामाजिक, आर्थिक और पंचायती राज व्यवस्था को विकसित करना जरूरी है. इसी सोच के साथ हमारी सरकार देश की पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम रही है. पिछली सरकारों ने पंचायतों के साथ भेदभाव किया. उनसे उलटा कैसे सशक्त कर रहे हैं और पंचायतों में सुविधा बढ़ा रहे हैं ये देश देख रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले पंचायतों के लिए वित्त आयोग का अनुदान 17 हजार करोड़ से कम था. क्या इतनी कम राशि से इतना बड़ा देश और इतनी सारी पंचायतों काम कर पाती. 2014 में हमारी सरकार आने के बाद पंचायतों को मिला ये अनुदान 2 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है. पहले की सरकार ने ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने की योजना शुरू की थी, लेकिन उस योजना के तहत 70 से भी कम ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया था, वह भी शहर के पास वाली पंचायतों तक ये सुविधा थी, लेकिन हमारी सरकार ने 2 लाख से अधिक पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर की सुविधा दी है.
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आजादी के बाद की सरकारों ने कैसे भारत की पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त किया है. ये व्यवस्था सदियों पुरानी थी, उस व्यवस्था पर आजादी के बाद भराेसा नहीं किया गया. गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, लेकिन कांग्रेस ने गांधी जी के विचारों को भी अनसुना किया गया. 90 के दशक में पंचायत के नाम पर खानापूर्ति जरूर की गई, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया. जिसकी जरूरत थी.
2014 के बाद से देश ने अपनी पंचायतों की सशक्तिकरण का का बीड़ा उठाया है. जिसके परिणााम दिख रहे हैं. आज पंचायतें गांवों की विकास की प्राण वायु बन कर उभर रही हैं. पंचायत गांव की आवश्यकता के अनुसार गांव का विकाास करें इसके लिए ग्राम पंचायत विकास योजना बना कर काम किया जा रहा है. पंचायतों की मदद से गांव और शहरों के बीच की खाई को भी कम रहे हैं. डिजिटल क्रांति के इस दौर में गांवों को भी स्मार्ट बनाया जा रहा है.
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ई ग्राम स्वराज एकीकृत पोर्टल का उद्घाटन हुआ है. इससे पंचायत के माध्यम से होने वाली खरीद प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनेगी. पंचायतों को कम कीमत पर सामान मिलेगा. उद्योगों को अपना सामान बेचने का माध्यम मिलेगा.
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