आगामी सीजन में खरीदे गए गेहूं को सरकार 'अस्थायी गोदामों' में रखेगी जिसे अंग्रेजी में CAP कहा जाता है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी FCI के स्थायी गोदामों में अभी चावल रखा गया है. इन गोदामों में जगह खाली नहीं है. हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि गोदामों का निर्माण तेजी से चल रहा है और अनाजों के स्टोरेज की समस्या हमेशा के लिए हल हो जाएगी. फिलहाल जगह की कमी से सरकार सीएपी गोदामों में गेहूं को स्टोर करने की योजना बना रही है. सीएपी गोदामों में अप्रैल के बाद से गेहूं की भंडारण किया जाएगा. पंजाब में एफसीआई ने इस तरह के भंडारण की पूरी योजना तैयार कर ली है.
बता दें कि भारतीय खाद्य निगम ने 35 लाख मीट्रिक टन (LMT) गेहूं रखने की जगह बनाने के पहले ही टेंडर जारी कर दिया है, ताकि उसे CAP स्टोरेज में बदला जा सके. ऐसे में भारतीय खाद्य निगम को 5 LMT जगह CAP स्टोरेज में बदलने के लिए बोलियां मिल गई हैं, जिससे केंद्रीय एजेंसी को अप्रैल से पहले 30 LMT जगह बनाने के लिए फिर से बोलियां लगाने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
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यह सीएपी भंडारण राज्य में पहले से मौजूद 40 एलएमटी के भंडारण के अतिरिक्त बनाया जा रहा है, जहां अप्रैल महीने से गेहूं का भंडारण किया जाएगा. 2024-25 के गेहूं खरीद सत्र के दौरान, जब गेहूं की कटाई होगी, तो 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद के लिए मंडियों में आने की उम्मीद है. चूंकि 2024 में खरीदे गए और अभी डिलीवर किए जा रहे धान से छिलका उतारकर चावल को गोदामों में रखा जाएगा, इसलिए गोदामों में गेहूं रखने के लिए जगह कम है.
पंजाब में एफसीआई के क्षेत्रीय महाप्रबंधक बी श्रीनिवासन ने कहा कि हम पंजाब में गेहूं के लिए 12 एलएमटी के नए स्टोरेज जोड़ रहे हैं. हमें विश्वास है कि इस साल के गेहूं के भंडारण के लिए क्षमता का 50 प्रतिशत यानी 6 एलएमटी उपलब्ध होगा. साथ ही 20 एलएमटी गेहूं सीधे मंडियों से अलग-अलग राज्यों में पहुंचाया जाएगा. हम गेहूं के लिए राज्य खरीद एजेंसियों से 25 एलएमटी जगह भी किराए पर ले रहे हैं, जबकि निजी उद्यमी गारंटी योजना के तहत अगले साल राज्य में 20 एलएमटी की नई गेहूं भंडारण क्षमता चालू हो जाएगी. इससे हमें इन गोदामों में गेहूं का भंडारण करने की सुविधा मिलेगी.
एफसीआई के अधिकारियों ने बताया कि गोदामों में रखे चावल की आवाजाही में भी तेजी लाई जा रही है. करीब 38 लाख मीट्रिक टन चावल पहले ही दूसरे राज्यों में भेजा जा चुका है, जबकि इस महीने के अंत तक 10 लाख मीट्रिक टन चावल और भेजे जाने की उम्मीद है. ऐसे में मार्च के अंत तक पंजाब से करीब 70 लाख मीट्रिक टन चावल भेजा जा चुका होगा. लेकिन अभी गोदामों का इस्तेमाल मिलिंग किए जा रहे चावल को स्टोर करने के लिए किया जाएगा.
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