खरीफ सीजन में इस बार जमकर किसानों ने धान की बुवाई की है. इसकी वजह से देश का कुल धान का बुवाई क्षेत्र 9 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है. धान की अधिक उपज संभावनाओं के चलते किसान अपनी फसल बिक्री को लेकर चिंतित थे. लेकिन, अब पंजाब सरकार ने राज्य के किसानों को बड़ी राहत देते हुए दाना-दाना खरीदने की दावा किया है. पंजाब सरकार ने कहा है कि वह किसानों से उनकी उपज खरीदेगी और उनके खाते में सीधे खरीद रकम भेजेगी.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार शाम को कहा कि राज्य सरकार किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने राज्य में धान खरीद व्यवस्था की समीक्षा के दौरान खरीद प्रक्रिया, भंडारण और भुगतान समेत कई बिंदुओं पर अधिकारियों के साथ चर्चा की. उन्होंने कहा कि किसानों को उनके बैंक खातों में तत्काल पेमेंट ट्रांसफर करने के लिए स्पेशल इकोसिस्टम विकसित किया गया है.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजार में अनाज की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद पक्की की जाएगी ताकि किसानों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े. पंजाब के धान किसानों की पूरी उपज खरीदने की तैयारियां कर ली गई हैं. इसके लिए राज्यभर में करीब 1500 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. 1 अक्तूबर से धान खरीद शुरू होगी. वहीं, कहा जा रहा है कि इस बार 185 लाख टन धान से अधिक धान खरीदने की योजना है.
मुख्यमंत्री के सामने गोदामों में जगह नहीं होने की समस्या को उठाया तो मान ने उन्हें दिक्कत दूर करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि वे भारतीय खाद्य निगम को चावल की डिलीवरी के लिए पर्याप्त जगह बनाने का निर्देश दें ताकि राज्य में खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए धान की खरीद बिना रुकावट की जा सके. बता दें कि पंजाब के गोदामों में अभी तक पिछले वर्षों के चावल और गेहूं भरे हुए हैं. ऐसे में नई उपज को रखने के लिए भंडारण करना मुश्किल भरा हो सकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने नवंबर तक पंजाब के गोदामों में रखे 30 लाख टन चावल का उठाने की बात कही है. जबकि, एफसीआई पंजाब के गोदामों में रखे 40 लाख टन गेहूं को दूसरे राज्यों में भेजने की प्रक्रिया में तेजी ला रहा है. इससे गोदामों में जगह बन जाएगी. इस बीच केंद्र सरकार ने धान की खरीद के लिए पंजाब को 41,339.81 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट दी है.
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