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Pulses Import: दलहन में आत्मन‍िर्भर होने के नारे के बीच डबल हुआ दालों का आयात, जान‍िए क‍ितनी खर्च हुई रकम 

Pulses Import: दलहन में आत्मन‍िर्भर होने के नारे के बीच डबल हुआ दालों का आयात, जान‍िए क‍ितनी खर्च हुई रकम 

दालों का आयात एक साल पहले के 24.5 लाख टन के मुकाबले इस साल 45 लाख टन से अधिक हो सकता है. आधिकारिक अनुमान के अनुसार, 2023-24 के दौरान आयात 97 प्रतिशत बढ़कर 31,071 करोड़ रुपये हो गया. खाद्य तेलों के बाद दलहन ने बढ़ाई टेंशन. 

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दालों के आयात ने बढ़ाई च‍िंता. दालों के आयात ने बढ़ाई च‍िंता.

दलहन फसलों में आत्मन‍िर्भर बनने के सरकारी नारे के बीच भारत में दालों का आयात तेजी से बढ़ा है. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत का दाल आयात पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना होकर 3.74 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. इसकी वजह से जनता दालों के दाम की महंगाई झेल रही है. उधर, देश के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अनियमित जलवायु परिस्थितियों के कारण घरेलू उत्पादन में कमी आई है. यही नहीं प‍िछले दो सीजन से दलहन फसलों की बुवाई क्षेत्र में भी कमी आई है. सरकार ने क‍िसानों को भरोसा द‍िया है क‍ि उन्हें पूरा दाम म‍िलेगा. दलहन फसलों को बढ़ाने के ल‍िए सहकारी एजेंसी नेफेड को काम सौंपा गया है. सरकार ने दिसंबर 2027 से पहले दलहन उत्पादन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है. 

हालांक‍ि, अब आयात बढ़ गया है. डॉलर मूल्य के संदर्भ में बात करें तो दालों के आयात में पिछले वर्ष के 1.94 अरब डॉलर की तुलना में 93 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और अब यह 3.74 अरब डॉलर हो गया. आधिकारिक अनुमान के अनुसार, रुपये के संदर्भ में, आयात 2023-24 के दौरान 97 प्रतिशत बढ़कर 31,071 करोड़ रुपये हो गया, जो कि एक साल पहले की अवधि में 15,780 करोड़ रुपये से अधिक था. भारत का दाल आयात इससे पहले 2016-17 के दौरान 28,300 करोड़ के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. वर्ष 2016-17 के दौरान आयात की मात्रा 6.6 मिलियन टन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी और घरेलू उत्पादन में वृद्धि के कारण बाद के वर्षों में इसमें गिरावट आई.  

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क‍ितना होगा आयात 

सूत्रों का कहना है क‍ि 2023-24 के लिए आयात मात्रा के आधिकारिक आंकड़ों का खुलासा होना अभी बाकी है. ब‍िजनेसलाइन ने ल‍िखा है क‍ि बंदरगाह आगमन के आंकड़ों के आधार पर, आईग्रेन इंडिया के राहुल चौहान का अनुमान है कि दालों का आयात एक साल पहले के 24.5 लाख टन के मुकाबले 45 लाख टन से अधिक होगा. दालों के आयात में यह उछाल मसूर (दाल) की रिकॉर्ड खरीद के कारण हुआ है.

उधर, सरकार ने दालों की घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए इस साल 30 जून तक पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी है. इसके अलावा, महंगाई को काबू में करने और घरेलू आपूर्ति बढ़ाने में मदद के लिए तुअर और उड़द के शुल्क मुक्त आयात को 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया गया है.

क‍िस दाल का क‍ितना आयात 

चौहान ने कहा कि म्यांमार और पूर्वी अफ्रीका में पैदा होने वाली तुअर और उड़द जैसी दालों की ऊंची कीमतें 2023-24 के दौरान आयात मूल्य को रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ा सकती हैं. वर्ष 2023-24 के दौरान मसूर का आयात एक साल पहले के 8.58 लाख टन की तुलना में रिकॉर्ड 16.11 लाख टन से अधिक होने की संभावना है. उड़द का आयात 2023-24 के दौरान लगभग 6.16 लाख टन पर देखा गया है जबकि एक साल पहले यह 5.24 पर था. हालांकि, तुअर आयात लगभग 7.70 लाख टन होने की संभावना है, जो एक साल पहले के 8.95 लाख टन से कम है.

शुल्क मुक्त पीली मटर के आयात के ल‍िए प‍िछले साल दिसंबर से अनुमति दी गई थी. इसका आयात मार्च 2024 तक लगभग 12.75 लाख टन होने की उम्मीद है. अन्य दालों की किस्मों के आयात में वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें चना 1.48 लाख टन (पिछले साल 59,255 टन) और राजमा 1.28 लाख टन हो सकता है.  

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