scorecardresearch
Cotton Price: कपास की खेती करने वाले क‍िसानों की उम्मीदों पर फ‍िरा पानी, जान‍िए क‍ितना म‍िल रहा है दाम

Cotton Price: कपास की खेती करने वाले क‍िसानों की उम्मीदों पर फ‍िरा पानी, जान‍िए क‍ितना म‍िल रहा है दाम

महाराष्ट्र प्रमुख कॉटन उत्पादक राज्य है. किसानों का कहना है कि वो अब कम दामों में कपास बेचने के लिए मजबूर हैं क्योंकि डर है क‍ि अच्छे दाम के इंतजार में कहीं लंबे समय से रखा गया स्टॉक खराब न हो जाए. इस साल आख‍िर क‍िन कारणों से क‍िसानों को कपास का कम दाम म‍िल रहा है. 

advertisement
कपास का मंडी भाव कपास का मंडी भाव

महाराष्ट्र में क‍िसानों को इस साल कॉटन का भाव पहले जैसा नहीं म‍िल रहा है, इसके चलते निराश नजर आ रहे हैं. उन्हें उम्मीद थी क‍ि इस बार भी 2021 और 2022 की तरह दाम म‍िलेगा लेक‍िन उम्मीदों पर पानी फ‍िरता द‍िखाई दे रहा है. इसकी अंतरराष्ट्रीय वजह बताई जा रही है. इसका कारोबार करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपना माल भारत में बेचना शुरू कर दिया है. इससे भारतीय किसानों को मिलने वाले दाम पर असर पड़ रहा है. महाराष्ट्र के हिंगनघाट मंडी में कपास का न्यूनतम दाम 6000, अध‍िकतम दाम 7730 और औसत दाम 6500 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल मिल रहा है. राज्य की कई मंडियों में कॉटन का का दाम 6000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल चल रहा है. 

महाराष्ट्र प्रमुख कॉटन उत्पादक राज्य है. किसानों का कहना है कि वो अब कम दामों में कपास बेचने के लिए मजबूर हैं क्योंकि डर है क‍ि अच्छे दाम के इंतजार में कहीं लंबे समय से रखा गया स्टॉक खराब न हो जाए. कम भाव मिलने से किसान चिंतित हैं. किसानों का कहना है कि प्रति एकड़ कपास की खेती के पीछे उन्होंने 30-35 हजार रुपये खर्च क‍िए हैं तो ऐसे में अगर इतना कम भाव मिलेगा तो कैसे गुजारा होगा. बताया गया है क‍ि न्यूयॉर्क स्थित इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज (ICE) में कपास के वायदा कारोबार और वैश्विक मांग में नरमी है. उधर, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील जैसे देशों में बेहतर फसल की संभावना है. इस दबाव में भारत में दाम कम हो गया है.  

ये भी पढ़ें:  Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका

क‍ितना है एमएसपी 

केंद्र सरकार ने लंबे रेशे वाले कॉटन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 7020 रुपये जबकि मध्यम रेशे वाले की एमएमपी 6620 रुपये क्विंटल तय क‍िया है. इससे कम दाम म‍िलने पर क‍िसानों को घाटा होता है. क‍िसानों को स‍िर्फ एमएसपी के स्तर तक ही दाम म‍िल पा रहा है. जबक‍ि 2022 में 10 हजार रुपये का भाव म‍िल रहा था. महाराष्ट्र के क‍िसान पहले से ही प्याज और सोयाबीन का दाम न म‍िलने से परेशान हैं. अब कपास ने भी उन्हें परेशान करना शुरू कर द‍िया है.  

कॉटन का उत्पादन 

केंद्र सरकार के अनुसार वर्ष 2023-24 में कॉटन का उत्पादन 323.11 लाख गांठ है, जो पिछले साल से कम है. पिछले साल मतलब वर्ष 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक कॉटन का उत्पादन 343.47 लाख गांठ था. एक गांठ में 170 किलोग्राम की होती है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद, जालना, परभणी, हिंगोली, नांदेड़, बीड, बुलढाणा, अमरावती, नागपुर, अकोला और अहमदनगर आद‍ि जिलों में कपास की खेती होती है. 

जानिए मंडी भाव 

  • वरोरा मंडी में 16 अप्रैल को 1347 क्व‍िंटल कपास की आवक हुई थी. यहां कपास का न्यूनतम दाम सिर्फ 6000 अध‍िकतम दाम 7551 और औसत दाम 7000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. 
  • सिंदी मंडी में 840 क्व‍िंटल कपास  की आवक दर्ज की गई. इस मंडी में न्यूनतम दाम 6500 अध‍िकतम 7630 और औसत दाम 7600  रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. 
  • मौड़ा मंडी में 35 क्व‍िंटल कपास की आवक हुई. यहां पर न्यूनतम दाम 6600, अध‍िकतम 6900 और औसत 6750 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. 
  • कटोल मंडी में 20 क्व‍िंटल कपास की आवक हुई. यहां पर न्यूनतम दाम 6600, अध‍िकतम 7250 और औसत दाम 7150 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.

ये भी पढ़ें: नास‍िक की क‍िसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-क‍िसानी से रखना चाहती हैं दूर