Summer crops sowing: खरीफ फसलों की बुवाई में मामूली तेजी, धान में बड़ी छलांग तो दलहन-मक्का में हल्की बढ़त

Summer crops sowing: खरीफ फसलों की बुवाई में मामूली तेजी, धान में बड़ी छलांग तो दलहन-मक्का में हल्की बढ़त

कृषि मंत्रालय ने खरीफ फसलों की बुवाई का आंकड़ा जारी किया है. इसमें अलग-अलग फसलों की बुवाई के बारे में बताया गया है. आंकड़े के मुताबिक, 9 अप्रैल तक सबसे अधिक तेजी धान की खेती में है जबकि दलहन, तिलहन, मोटे अनाज और मक्के में मामूली बढ़ोतरी है.

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खरीफ फसलों की बुवाई में मामूली तेजी, धान में बड़ी छलांग तो दलहन-मक्का में हल्की बढ़तधान की खेती

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने खरीफ फसलों की बुवाई का आंकड़ा जारी किया है. इसमें 9 अप्रैल तक की फसलों की बुवाई की जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक खरीफ की कुल फसलों के रकबे में लगभग 7 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. इसमें सबसे अधिक वृद्धि धान के रकबे में देखी गई है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक, देश में धान के रकबे में 3.44 परसेंट की वृद्धि दर्ज की गई है.

कृषि मंत्रालय के दिए आंकड़े के मुताबिक, इस सीजन में धान खेती का सामान्य रकबा 30 लाख एकड़ के आसपास होता है जबकि अप्रैल महीने में यह 32 लाख एकड़ को पार कर गया है. पिछले साल इसी अवधि में धान बुवाई का आंकड़ा 28.57 लाख एकड़ था. दलहन की बुवाई में भी हल्की वृद्धि है. अप्रैल महीने में दलहन के रकबे में लगभग डेढ़ परसेंट का उछाल है. पिछले साल इसी अवधि में 21 लाख हेक्टेयर में दलहन की खेती हुई थी जबकि इस साल रकबा 23 लाख हेक्टेयर के आसपास है.

किस फसल का कितना रकबा

हरे चने की खेती में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है. हालांकि यह वृद्धि केवल एक लाख हेक्टेयर तक है. काला चना के रकबे में आधा लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, मोटे अनाज यानी मिलेट्स के रकबे में भी मामूली वृद्धि दर्ज की गई है. यह वृद्धि 1.64 लाख हेक्टेयर है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक, 9 अप्रैल तक देश में ज्वार का रकबा शून्य है यानी इस मोटे अनाज की खेती बिल्कुल नहीं हुई जबकि पिछले साल इसी अवधि में कुछ जगहों पर बुवाई हुई थी.

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तिलहन की बुवाई में भी बहुत बड़ी वृद्धि नहीं है. अप्रैल तक इसमें ना मात्र की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. कृषि मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक, तिलहन की खेती में 0.28 लाख हेक्टेयर की वृद्धि है जिसमें मूंगफली, सूरजमुखी और तिल शामिल हैं. अन्य तिलहन फसलों की बुवाई में पिछले साल के मुकाबले कुछ कमी दर्ज की गई है. सबसे अच्छी बात मक्के की खेती को लेकर है. इसके रकबे में डेढ़ फीसदी से अधिक वृद्धि है. किसान मक्के की खेती में अच्छा भविष्य देख रहे हैं जिसके चलते उसके रकबे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

अच्छे मॉनसून से मिलेगी अधिक उपज

सरकार ने कहा है कि खरीफ फसलों की बुवाई का काम सुचारू चल रहा है और इसमें किसी तरह की अड़चन की कोई सूचना नहीं है. इस बार खऱीफ फसलों के उत्पादन में उछाल की उम्मीद है क्योंकि मॉसनून का पूर्वानुमान अच्छी बारिश का संकेत देता है. कुछ मौसम एजेंसियों ने यह भी बताया है कि देश में मॉनसून की एंट्री इस बार समय से पहले हो सकती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इस बार मॉनसून में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई है जिससे किसानों में खुशी है. यह खुशी खरीफ फसलों की बुवाई के रूप में देखी जा रही है.

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