मेघालय के अनानास के लिए PM Modi ने कही ये बड़ी बात, किसानों की जमकर हुई तारीफ

मेघालय के अनानास के लिए PM Modi ने कही ये बड़ी बात, किसानों की जमकर हुई तारीफ

पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "मेघालय के अनानास को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलते देखकर खुशी हुई. ऐसे प्रयास न केवल हमारी कृषि विरासत का जश्न मनाते हैं बल्कि हमारे किसानों को भी सशक्त बनाते हैं."

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मेघालय के अनानास के लिए PM Modi ने कही ये बड़ी बात, किसानों की जमकर हुई तारीफपीएम मोदी ने मेघालय के अनानास की तारीफ की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मेघालय के अनानास की जमकर तारीफ की. इसके साथ ही उन्होंने मेघालय के किसानों की भी प्रशंसा की. प्रधानमंत्री ने इस बात के लिए खुशी जाहिर की कि अब मेघालय का अनानास देश से लेकर विदेशी बाजारों में अपनी धमक बना रहा है. उन्होंने कहा कि मेघालय का अनानास इस पहचान के लिए योग्यता रखता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अनानास की खेती के से मेघालय के किसान भी सशक्त बन रहे हैं और उनकी आमदनी बढ़ रही है.

पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "मेघालय के अनानास को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलते देखकर खुशी हुई. ऐसे प्रयास न केवल हमारी कृषि विरासत का जश्न मनाते हैं बल्कि हमारे किसानों को भी सशक्त बनाते हैं."

पीएम, सीएम ने की तारीफ

इससे पहले मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने ट्वीट किया था कि राज्य के अनानास की प्रदर्शनी दिल्ली हाट में लगाई गई है. मुख्यमंत्री के अनुसार हाई ब्रिक्स वैल्ू वाले राज्य के अनानास की बाजारों में मांग है. उन्होंने ट्वीट किया, "16-18 के हाई ब्रिक्स वैल्यू के साथ अपनी मिठास के साथ अनानास धीरे-धीरे इसे अन्य देशों में निर्यात करने के अलावा रिलायंस जैसे खुदरा विक्रेताओं के बीच भी एक पसंदीदा फल बना रहा है."

राष्ट्रीय राजधानी के दिल्ली हाट में आयोजित अनानास महोत्सव में मेघालय से कई टन अनानास भी उपलब्ध हैं, जिसमें मेघालय के अलग-अलग हिस्सों से किसान, शिल्पकार और स्वयं सहायता समूह अपने प्रोडक्ट की प्रदर्शनी लगा रहे हैं.

मेघालय में अनानास की खेती

पारंपरिक तरीके से मेघालय के स्थानीय समुदाय के लोग री भोई और पूर्वी गारो हिल्स जिलों में अनानास उगाते हैं जो ज्यादातर प्राकृतिक रूप से जैविक है और न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी खास क्वालिटी और स्वाद के लिए पहचाना जा रहा है. 

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अनानास की मार्केटिंग लुलु ग्रुप के माध्यम से खाड़ी देशों के बाजारों में की जा रही है. अनानास की खेती से कमाई में वृद्धि और बाजारों तक इसकी पहुंच बढ़ने से ने न केवल किसानों की आजीविका बढ़ी है, बल्कि उनकी मिठास और कम खटास के साथ मेघालय के अनानास की बेहतर क्वालिटी भी पूरी दुनिया के सामने निकल कर आ रही है. 

किसानों को पहले फल के वजन की परवाह किए बिना प्रति अनानास केवल 10 रुपये मिलते थे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के साथ आने से उन्हें 16 रुपये प्रति किलोग्राम भाव मिले हैं, जो 21 रुपये प्रति फल के बराबर है. निर्यात किए गए फल का औसत आकार 1.3 किलोग्राम है.

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