तेल वर्ष 2023-24 (नवंबर-अक्टूबर) की पहली तिमाही के दौरान खाद्य तेल के आयात में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने संकेत दिया है कि इस साल खाद्य तेलों की कीमतें कम हो सकती हैं. एसईए के आंकड़ों से पता चला है कि भारत ने नवंबर 2023 से जनवरी 2024 के दौरान 36.47 लाख टन (लीटर में) खाद्य तेल का आयात किया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 47.46 लाख टन था, जिसमें 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई.
पाम तेल का आयात 17 प्रतिशत कम होकर 30.84 लाख टन से घटकर 25.46 लाख टन रह गया. सॉफ्ट ऑयल का आयात 32 प्रतिशत कम होकर 16.61 लाख टन से घटकर 11.01 लाख टन रह गया है. हालांकि, कुल खाद्य तेल आयात में पाम तेल आयात की हिस्सेदारी बढ़कर 70 प्रतिशत (एक साल पहले 65 प्रतिशत) हो गई, और नरम तेल की हिस्सेदारी घटकर 30 प्रतिशत (35 प्रतिशत) हो गई. समीक्षाधीन अवधि में 6.67 लाख टन रिफाइंड तेल (आरबीडी पामोलीन) (6.32 लाख टन) का आयात किया गया.
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एसईए के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि खाद्य तेलों की कीमतें, जो वर्तमान में कम हैं, इसके पीछे की वजह कम उत्पादन, वैश्विक आर्थिक मुद्दे और आपूर्ति की कमी है. उन्होंने कहा कि लेकिन इस वर्ष कीमतों में वृद्धि हो सकती है. उनकी माने तो खाद्य तेल की आवश्यकताओं के लिए पाम तेल की उपलब्धता कम हो गई है. क्योंकि मुख्य दो उत्पादक देश मलेशिया और इंडोनेशिया पाम तेल का उपयोग बायोडीजल के उत्पादन में कर रहे हैं.
जनवरी-मार्च 2024 में पाम तेल का विश्व उत्पादन मौसमी रूप से कम हो सकता है, जिससे उत्पादन और आयातक दोनों देशों में स्टॉक में कमी आएगी. ऑयलवर्ल्ड का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि सोयाबीन तेल बाजार वर्तमान में कमी से अधिक आपूर्ति की ओर संक्रमण में है, और उत्तरार्द्ध मुख्य रूप से अर्जेंटीना निर्यात आपूर्ति की संभावित तेज वृद्धि को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि भारत में कुल आयात आवश्यकताओं में कमी और सोया तेल की बाजार हिस्सेदारी फिर से बढ़ने के कारण इस सीजन में सूरजमुखी तेल के आयात में कमी देखी जा रही है.
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इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को आरबीडी पामोलीन और कच्चे पाम तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं. 2023-24 की पहली तिमाही के दौरान, इंडोनेशिया ने 9.61 लाख टन सीपीओ और 6.14 लाख टन आरबीडी पामोलिन का निर्यात किया था. वहीं, मलेशिया ने 7.29 लाख टन सीपीओ और 53,127 लाख टन आरबीडी पामोलीन का निर्यात किया. कच्चे सोयाबीन डी-गम तेल के मामले में, भारत ने ब्राजील से 2.14 लाख टन और उसके बाद अर्जेंटीना से 1.91 लाख टन आयात किया. भारत ने रोमानिया से 2.32 लाख टन कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात किया. इसके बाद रूस से 1.60 लाख टन, अर्जेंटीना से 1.19 लाख टन और यूक्रेन से 42,990 लाख टन का आयात किया.
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