सहारनपुर के किसानों द्वारा लगातार नए प्रयोग किए जा रहे हैं, जिससे कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहे हैं. ऐसा ही एक नवाचार सहारनपुर के दिल्ली रोड स्थित प्राकृतिक कुंज से सामने आया है, जहाँ पर्यावरण मित्र और अनुभवी किसान राजेंद्र अटल ने आम की एक अनोखी किस्म विकसित की है. आम की यह खास किस्म इतनी खास है कि महज 5 फीट ऊंचे पेड़ पर साल भर फल लगते हैं और यह फसल साल में चार से पांच बार तैयार होती है.
आम की यह बारहमासी किस्म न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है, बल्कि खेती-किसानी के क्षेत्र में एक नई उम्मीद बनकर भी उभरी है. इस पेड़ पर एक साथ कई स्तर के आम देखने को मिलते हैं, बोर जैसे छोटे आम, टॉफी, चने के आकार के, 1 इंच मोटे आम और पूरे आकार के आम, जिसकी वजह से यह पेड़ हर समय फलों से लदा रहता है.
किसान राजेंद्र अटल कहते हैं कि यह आम स्वाद में बेहद खास है और इसकी उत्पादकता भी बहुत ज़्यादा है. उनका कहना है कि अगर किसान पारंपरिक खेती छोड़कर इस किस्म को अपनाएँ, तो उनकी आय 4 गुना नहीं, बल्कि 10 गुना बढ़ सकती है. प्राकृतिक कुंज में विभिन्न किस्मों पर लगातार काम हो रहा है और वहाँ से ये पौधे देश भर के किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
इन पेड़ों की कीमत 100 से 200 रुपये तक होती है, जो उनके आकार के अनुसार तय होती है. वर्तमान में, बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में पौधे तैयार किए जा रहे हैं. यह नई तकनीक पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ कम ज़मीन में ज़्यादा उत्पादन देने में सक्षम है. यह किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा देने वाली फसल अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मज़बूत कर सकते हैं.
आम की इस अनोखी प्रजाति की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बिना ज़्यादा देखभाल के भी उग जाती है और इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर पाई गई है. राजेंद्र अटल का मानना है कि आने वाले समय में आम की यह किस्म देशभर में लोकप्रिय हो जाएगी और सहारनपुर इस अनूठी खोज के लिए जाना जाएगा. उनके अनुसार, प्राकृतिक कृषि और नवाचार का मेल ही आज के किसान को आत्मनिर्भर और समृद्ध बना सकता है. उन्होंने बताया कि ऐसे पौधों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है ताकि कोई भी इच्छुक किसान वंचित न रहे. इस आम की खेती शहरी क्षेत्रों के लिए भी उपयुक्त है क्योंकि इसकी ऊँचाई केवल 5 फीट तक ही सीमित है.
यह किस्म न केवल बाज़ार में किसानों को ज़्यादा दाम दिलाने में सक्षम है, बल्कि उपभोक्ताओं को स्वाद, गुणवत्ता और ताज़गी का अनोखा अनुभव भी प्रदान करती है. सहारनपुर के किसान इस नवाचार को लेकर उत्साहित हैं और इसे आधुनिक कृषि का भविष्य मान रहे हैं. प्राकृतिक कुंज की यह पहल स्पष्ट करती है कि अगर इच्छाशक्ति और नवाचार हो, तो खेती को भी एक आकर्षक और लाभदायक व्यवसाय बनाया जा सकता है.
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