किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीद के मामले में पिछले कुछ वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे नंबर पर आ रहा तेलंगाना इस साल छत्तीसगढ़ से पिछड़ता दिखाई दे रहा है. भारतीय खाद्य निगम के मुताबिक 1 जनवरी तक देश में 531 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है. जिसमें 181.95 लाख टन के साथ पंजाब पहले नंबर पर बना हुआ है लेकिन, तेलंगाना पिछड़ गया है. साल 2022 में तेलंगाना के धान खरीद को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवाद हुआ था. ऐसे में वहां पर सरकारी खरीद का घटना अपने आप में अहम हो जाता है. राज्य सरकार ने 7011 धान खरीद केंद्रों में से 4607 को बंद कर दिया है. बाकी पर खरीद जारी है.
छत्तीसगढ़ में अब तक 79 लाख टन धान खरीदा जा चुका है. जबकि तेलंगाना अभी 56 लाख टन पर अटका हुआ है. छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. तेलंगाना में इस साल 877992 किसानों ने एमएसपी पर धान बेचा है जबकि छत्तीसगढ़ में 1894162 किसानों को धान की एमएसपी का लाभ मिल चुका है. तेलंगाना 2018-19 से एमएसपी पर धान खरीद के मामले में दूसरे नंबर पर रहा है.
बात करें लाभार्थियों की तो 2021-22 में 1,30,86,114 किसानों ने एमएसपी पर धान बेचा था जबकि इस साल अभी तक 6390168 को ही इसका फायदा मिला है. क्योंकि कई सूबों में धान की खरीद अभी जारी है. खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 में केंद्र सरकार ने भी 771.25 लाख टन धान की खरीद करने का लक्ष्य रखा है. अनुमान इससे अधिक खरीद का लगाया जा रहा है. क्योंकि 2021-22 में 881.70 लाख टन की सरकारी खरीद हुई थी. साल 2020-21 में सबसे अधिक 895.65 लाख टन धान खरीदा गया था.
भारतीय खाद्य निगम के अनुसार आंध्र प्रदेश में 17.87 लाख टन धान खरीदा गया है. बिहार में 12.72, हरियाणा में 58.96, मध्य प्रदेश में 34, महाराष्ट्र में 7.63, ओडिशा में 18.76, तमिलनाडु में 8.55, उत्तर प्रदेश में 41.20, उत्तराखंड में 8.84 और पश्चिम बंगाल में 1.26 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है. हरियाणा और पंजाब में पहले ही धान खरीद पूरी हो चुकी है. पंजाब सबसे बड़ा धान विक्रेता है. जहां के 899847 किसानों को एमएसपी का फायदा मिला है.
तेलंगाना और केंद्र के बीच रबी सीजन वाले धान की खरीद को लेकर विवाद हुआ था. इसलिए राज्य सरकार ने किसानों से अपील की थी कि वो रबी सीजन में धान की खेती न करें, क्योंकि केंद्र की एजेसिंयों ने रबी सीजन में उगाए गए धान को खरीदने से मना कर रही हैं. हालांकि, केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि तेलंगाना में ‘कच्चे चावल’ की खरीद में कोई समस्या नहीं है और इसकी खरीद काफी बढ़ गई है.
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