Wheat Procurement: सिर्फ ये तीन राज्य पूरा कर सकते हैं गेहूं खरीद का लक्ष्य, बाकी का भी जानिए हाल
पंजाब ने बनाया एमएसपी पर गेहूं खरीदने का रिकॉर्ड, सिर्फ 28 दिन में ही 95 लाख मीट्रिक टन से अधिक की हो चुकी है खरीद. इस साल यहां 132 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का रखा गया है लक्ष्य, जो आसानी से पूरा होता दिख रहा है. यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड और बिहार हैं काफी पीछे?
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पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा गेहूं की खरीद (Photo-Kisan Tak).
देश के आठ राज्यों में रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की सरकारी खरीद जारी है, लेकिन सिर्फ तीन राज्यों में ही केंद्र द्वारा तय किया गया टारगेट पूरा होता दिख रहा है. इनमें पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा शामिल हैं. बाकी में एमएसपी पर गेहूं खरीदने की रफ्तार बहुत सुस्त है. मंडियां सूनी पड़ी हुई हैं. केंद्र सरकार इस साल 2125 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर किसानों से बफर स्टॉक के लिए गेहूं खरीद रही है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) के अनुसार रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 में 28 अप्रैल तक 2,04,56,309 मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है. खरीद का आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले अच्छा है. इसके पीछे तीन मुख्य वजह बताई जा रही है. पहला कारण गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन, दूसरा बेमौसम बारिश से खराब हुई फसल और तीसरा नई फसल आने से ठीक पहले 15 मार्च तक ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत रियायती दर पर बेचा गया 33 लाख टन गेहूं है.
पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा खरीद हो रही है. जबकि देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक सूबे उत्तर प्रदेश में अब तक किसान एमएसपी पर गेहूं बेचने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. पिछले साल यानी रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 में एक मई तक सिर्फ 161.95 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो सकी थी. जबकि रबी मार्केटिंग सीजन 2021-22 में 28 अप्रैल तक 258.74 लाख मीट्रिक टन गेहूं सेंट्रल पूल (बफर स्टॉक) के लिए खरीदा जा चुका था. चालू खरीद सीजन में केंद्र ने 341.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है.
साल 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते हमने जमकर कई देशों में गेहूं एक्सपोर्ट किया और उसके बाद रही-सही कसर हीटवेव ने पूरी कर दी. जिसके कारण उत्पादन में गिरावट आ गई थी. ऐसे में किसान एमएसपी से ऊपर दाम पर व्यापारियों को गेहूं बेच रहे थे. लेकिन इस साल हालात बदले हैं. सरकार ने मई 2022 में गेहूं एक्सपोर्ट पर लगाया गया बैन अब तक हटाया नहीं है. इसलिए किसानों को ओपन मार्केट में पहले जैसा भाव नहीं मिल पा रहा है.
तीन राज्य पूरा कर सकते हैं खरीद का टारगेट
केंद्र ने पंजाब को 132 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया है. यह लक्ष्य वहां पूरा होता दिखाई दे रहा है. क्योंकि वहां सिर्फ 28 दिन में ही 95,20,893 मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है. यहां 31 मई तक सरकारी खरीद जारी रहेगी.
मध्य प्रदेश ने 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है. जबकि यहां अब तक 51,98,931 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. यह भी अपना लक्ष्य पूरा करने के नजदीक है. एमपी में 15 जून तक एमएसपी पर गेहूं की खरीद होनी है.
केंद्र सरकार ने हरियाणा को 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया है. यहां पर 28 अप्रैल तक 55,57,855 मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है. हरियाणा में 15 मई तक एमएसपी पर गेहूं खरीदने की प्रक्रिया चलेगी. टारगेट पूरा होने की उम्मीद है.
किन राज्यों में पिछड़ी खरीद
एफसीआई से मिले आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 28 अप्रैल तक सिर्फ 1,13,028 मीट्रिक टन ही गेहूं खरीदा गया है. जबकि लक्ष्य 35 लाख मीट्रिक टन का है. खरीद की जो रफ्तार है उससे लगता नहीं कि लक्ष्य पूरा होगा. यहां 15 जून तक खरीद जारी रहेगी.
बिहार में अब तक सिर्फ 255 मीट्रिक टन ही गेहूं खरीदा गया है. जबकि लक्ष्य 10 लाख मीट्रिक टन का है. बिहार अक्सर एमएपी पर गेहूं खरीदने में फिसड्डी रहा है. इस साल 30 जून तक खरीद होनी है, लेकिन अब तक के आंकड़ों को देखते हुए लक्ष्य पूरा करना आसान नहीं दिख रहा है.
राजस्थान में 5 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य है. जबकि 28 अप्रैल तक सिर्फ 63,816 मीट्रिक टन की ही खरीद हो पाई है. यहां भी 30 जून तक खरीद का कार्यक्रम चलेगा. देखना यह है कि तब तक लक्ष्य पूरा होता है या नहीं. यहां सरसों और चने की खरीद भी काफी सुस्त गति से चल रही है.
उत्तराखंड में 28 अप्रैल तक सिर्फ 126 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है. जबकि केंद्र ने यहां के लिए 2 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य तय किया है. खरीद 30 जून तक चलेगी, लेकिन वर्तमान रफ्तार को देखते हुए इसे पूरा करना आसान नहीं दिखाई दे रहा है.