निर्यातबंदी खत्म होने के करीब एक महीने बाद प्याज के दाम पर असर दिखाई देने लगा है. रबी सीजन में पहली बार महाराष्ट्र में प्याज का थोक भाव 3200 रुपये प्रति क्विंटल की ऊंचाई तक पहुंच गया है. वो भी सोलापुर में, जहां की मंडी ज्यादा आवक के लिए जानी जाती है. महाराष्ट्र एग्रिकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार 30 मई को राज्य की 48 मंडियों में प्याज की नीलामी हुई, जिसमें से 41 में दाम 2000 रुपये प्रति क्विंटल या उससे अधिक रहा. सोलापुर में 29 मई को अधिकतम दाम 3200 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि 30 मई को 3100 रुपये रहा. अब किसानों को कम से कम इतना दाम मिल रहा है कि वो खुश हैं. वो मुनाफे में प्याज बेच पा रहे हैं. प्याज के कम उत्पादन की वजह से आने वाले दिनों में दाम और बढ़ने के आसार हैं.
केंद्र सरकार ने महंगाई को कम करने के लिए प्याज के निर्यात पर 7 दिसंबर 2023 को रोक लगाई थी. यह फैसला 31 मार्च 2024 तक के लिए किया गया था, लेकिन जब यह तारीख नजदीक आई तब उसे अनिश्चितकाल के लिए आगे बढ़ा दिया गया. लोकसभा चुनाव के सीजन में इसकी वजह से महाराष्ट्र में सरकार को राजनीतिक नुकसान की चिंता हुई, जिससे बचने के लिए सरकार ने 4 मई को निर्यातबंदी खत्म कर दी. इस फैसले के अब 26 दिन हो चुके हैं. रबी प्याज सीजन और निर्यातबंदी खत्म होने के बाद महाराष्ट्र में पहली बार प्याज का थोक दाम 32 रुपये प्रति क्विंटल के पार हुआ है.
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महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार राज्य की जिन मंडियों में प्याज की सबसे ज्यादा आवक होती है उनमें महाराष्ट्र भी शामिल है. इसमें रिकॉर्ड आवक के बावजूद जहां एक तरफ प्याज के अधिकतम दाम ने रिकॉर्ड बना दिया है तो वहीं न्यूनतम दाम पहले की तरह ही सिर्फ 100 रुपये प्रति क्विंटल पर ही चल रहा है. बोर्ड के अनुसार यहां 30 मई को 12479 और 29 को 11688 क्विंटल की आवक हुई. दोनों दिन न्यूनतम दाम 100 रुपये प्रति क्विंटल ही रहा.
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