यूपी के मिर्जापुर में प्याज और लहसुन की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों के बीच एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्याज लहसुन अनुसंधान केंद्र पुणे व एग्रीमित्र फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए किसानों को बताया गया. साथ ही फसलों में लगने वाले रोगों के बारे में भी जानकारी दी गई जिससे किसानों की प्याज और लहसुन की उपज अच्छी तरह से हो सके और वो मुनाफा कमा सकें.
चुनार तहसील के पुरुषोत्तमपुर गांव में किसानों के बीच आयोजित इस कार्यक्रम सैकड़ों किसानों ने भाग लिया. कार्यक्रम में डॉ. आनंद कुमार सिंह, उप महानिदेशक (बागवानी), आईसीएआर और डॉ. विजय महाजन, निदेशक, आईसीएआर-डीओजीआर, पुणे ने किसानों को खेती में नई प्रौद्योगिकी अपनाकर प्याज और लहसुन के उत्पादन से मुनाफा कमाने के बारे में बताया. इस दौरान किसानों को भंडारण क्षमता बढ़ाने पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता के बारे में बताया गया.
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कार्यक्रम में प्याज की कीमतों को स्थिर करने और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए खरीफ में प्याज की व्यावसायिक खेती को और बढ़ावा देने पर जोर दिया गया. चुनार तहसील में पांच-पांच गांवों का क्लस्ट बनाकर उन्नत तकनीकों को अपना खेती करने के बारे में बताया गया. कार्यक्रम के दौरान डॉ. गोविन्द नारायण सिंह ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर खरीफ प्याज उत्पादन के उपयुक्त साबित हो रहा है जो आने वाले समय में खरीफ प्याज उत्पादन के लिए के हब बन जाएगा जिससे देश में खरीफ प्याज उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ इसकी मूल्य में स्थिरता भी आएगी.
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वहीं कई किसानों ने प्याज व लहसुन के पौधों में लगने वाली बीमारियों के बारे में कृषि विभाग के वैज्ञानिकों से पूछा, तो वैज्ञानिकों ने बताया कि वैज्ञानिक तरीके से खेती करने से प्याज व लहसुन की पैदावार और अच्छी होगी, और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. डॉ आनंद कुमार सिंह का कहना था कि मिर्ज़ापुर में पिछले सात सालों से कैसे प्याज और लहसुन के उत्पादन को बढ़ाकर किसानों के लिए इसे मुनाफा योग्य बनाया जाए इसके लिए लगातार प्रयास चल रहा है. (रिपोर्ट: सुरेश सिंह)
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