अक्टूबर में करें प्याज की खेती, कम समय में पाएं ज्यादा मुनाफा और बेहतरीन उपज

अक्टूबर में करें प्याज की खेती, कम समय में पाएं ज्यादा मुनाफा और बेहतरीन उपज

अक्टूबर में किसान प्याज की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन अब सवाल यह उठता है कैसे करें प्याज की खेती और उन्नत किस्मों का चयन कैसे करें. अगर आप भी किसान हैं और आपकी भी यही समस्या है तो यह खबर आपके लिए है. जानें उन्नत किस्मों का चयन, सही बुवाई तरीका और देखभाल के आसान उपाय, जिससे मिले ज्यादा उत्पादन और बेहतर मुनाफा.

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अक्टूबर में करें प्याज की खेती, कम समय में पाएं ज्यादा मुनाफा और बेहतरीन उपजप्याज की उन्नत किस्में

अक्टूबर का महीना प्याज की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. इस समय मौसम ठंडा और मिट्टी में नमी संतुलित होती है, जो प्याज के अच्छे विकास के लिए बहुत जरूरी है. प्याज एक ऐसी फसल है जिसकी मांग सालभर बनी रहती है, इसलिए अक्टूबर में इसकी खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद सौदा साबित हो सकता है.

क्यों करें अक्टूबर में प्याज की खेती?

अक्टूबर में तापमान और मौसम की स्थिति प्याज की खेती के लिए एकदम अनुकूल होती है. मिट्टी में नमी संतुलित होती है और ठंडा मौसम प्याज की गांठों को अच्छा आकार लेने में मदद करता है. इस समय बुवाई करने से प्याज जल्दी तैयार होता है और बाजार में अच्छे दाम भी मिलते हैं.

प्याज की उन्नत किस्में चुनें

प्याज की अच्छी पैदावार और बेहतर गुणवत्ता के लिए उन्नत किस्मों का चयन करना जरूरी है. अक्टूबर में बुवाई के लिए निम्नलिखित किस्में बहुत फायदेमंद मानी जाती हैं:

  • पूसा रेड (Pusa Red)
  • एग्री फाउंड डार्क रेड (Agrifound Dark Red)
  • एन-53 (N-53)

ये किस्में जल्दी तैयार होती हैं, रोग-प्रतिरोधी होती हैं और इनका उत्पादन भी ज्यादा होता है. इनके प्याज लंबे समय तक खराब नहीं होते, जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. बीज हमेशा प्रमाणित और अच्छी गुणवत्ता वाले ही खरीदें.

मिट्टी और जलवायु की स्थिति

प्याज की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. मिट्टी में अच्छी जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए और उसमें पर्याप्त नमी भी होनी चाहिए. प्याज की फसल के लिए 15°C से 25°C तक का तापमान सबसे सही रहता है.

बुवाई का सही समय और तरीका

प्याज की बुवाई अक्टूबर के मध्य से लेकर नवंबर के पहले सप्ताह तक करनी चाहिए. पहले बीज को नर्सरी में बोकर 4–6 सप्ताह तक पौध तैयार करें, फिर मुख्य खेत में ट्रांसप्लांट करें.

बुवाई की दूरी:

  • पंक्तियों के बीच: 15–20 सेंटीमीटर
  • पौधों के बीच: 10–12 सेंटीमीटर

इस दूरी से पौधों को सही जगह मिलती है और विकास बेहतर होता है.

फसलों में उर्वरक का रखें ध्यान 

अच्छी पैदावार के लिए संतुलित उर्वरक देना जरूरी है. प्रति हेक्टेयर निम्नलिखित मात्रा में उर्वरक दें:

  • नाइट्रोजन: 60-70 किलोग्राम
  • फॉस्फोरस: 30-40 किलोग्राम
  • पोटाश: 20-25 किलोग्राम

उर्वरक को मिट्टी जांच के अनुसार इस्तेमाल करें ताकि फसल को सही पोषण मिल सके.

सिंचाई का रखें ध्यान

प्याज की फसल में सिंचाई का बहुत महत्त्व होता है. हल्की जलवायु में सप्ताह में 2-3 बार सिंचाई पर्याप्त होती है. फूल आने के समय सिंचाई कम करें, ताकि प्याज सड़ने न लगे और अच्छी गुणवत्ता का उत्पादन हो.

अगर किसान अक्टूबर महीने में प्याज की खेती करें और उन्नत किस्मों, सही तकनीक और उचित देखभाल को अपनाएं, तो वे कम समय में ज्यादा उत्पादन और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इस मौसम में प्याज की खेती करना न केवल लाभदायक है, बल्कि एक सुरक्षित निवेश भी है. समय पर बुवाई और देखभाल से किसान बाजार में अपनी फसल के अच्छे दाम पा सकते हैं और आर्थिक रूप से मजबूत बन सकते हैं.

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