Shravasti News: भारत की सुरक्षा एजेंसियों की नजर अब नेपाल की सीमा से सटे गांवों पर है. यहीं वजह है कि गृह मंत्रालया के निर्देश पर सीमा से सटे प्रत्येक गांव में रहने वाले हर एक व्यक्ति का आधार कार्ड सत्यापन कराने की तैयारी में है. इसी कड़ी में यूपी के श्रावस्ती जिले के 152 गांव नेपाल की सीमा से सटे है. जबकि 38 ऐसे गांव है जो आधा गांव नेपाल में और आधा गांव भारत में पड़ते हैं. ऐसे गांवों में जिला प्रशासन एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मदद से ग्रामीणों के आधार कार्ड का वेरिफिकेशन करवाएगी. दरअसल, श्रावस्ती जिले की नेपाल सीमा से सटी करीब 90 किलोमीटर खुली सीमा पड़ती है. सीमा क्षेत्र का अधिकांश भाग जंगल है.
मामले में इंडिया टूडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में श्रावस्ती की जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि बीते दिनों गृह मंत्रालया से निर्देश मिले है कि नेपाल बार्डर से सटे गांवों में रहने वाले लोगों का आधार कार्ड सत्यापन कराया जाए. उन्होंने बताया कि निर्देश प्राप्त होने के बाद एक बैठक एसएसबी और स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ बैठक प्रस्तावित है. जिलाधिकारी ने आगे बताया कि श्रावस्ती जिले में नेपाल से सटे दो ब्लॉक की 152 ग्राम पंचायत में रहने वाले लोगों का जल्द आधार सत्यापन कराया जाएगा. वहीं दोहरी नागरिकता पाए जाने पर उनका आधार कार्ड निरस्त कर नागरिकता समाप्त कर दी जाएगी.
डीएम के मुताबिक कुछ ऐसे लोग है जो नेपाल और भारत दोनों में ही सरकारी सुविधाओं की लाभ ले रहे है. उन सभी को सत्यापन के जरिए जांच करके आगे की कार्रवाई की जाएगी. मोनिका रानी ने आगे कहा कि इस आधार कार्ड सत्यापन से घुसपैठ और तस्करी की नियत से बार्डर पर रहने वाले लोगों पर कार्रवाई करने में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि आधार वेरिफिकेशन के बाद एक रिपोर्ट गृह मंत्रालया को भी भेजी जाएगी.
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बता दें कि नेपाल सीमा से सटे क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर व्यवस्था चाक चौबंद करने की तेजी से कवायद चल रही है. श्रावस्ती जिले की सीमा से सटे दो ब्लॉक मिहींपुरवा और नवाबगंज के करीब 150 ग्राम पंचायत की करीब 3 लाख की आबादी निवास करती है. इन ग्राम पंचायत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का आधार सत्यापन किया जाएगा. सत्यापन के दौरान यदि कोई व्यक्ति बाहरी पाया जाता है तो उसका आधार कार्ड निरस्त करने के साथ-साथ सरकार से मिलने वाली सभी सुविधाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दी जाएगी.
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श्रावस्ती जिले की 90 किलोमीटर खुली सीमा होने के कारण लोग आसानी से एक देश से दूसरे देश में चले जाते हैं. हालांकि सुरक्षा के लिए जगह-जगह पर एसएसबी के जवान पेट्रोलिंग करते है. सीमा के अधिकांश चिन्हित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए हैं, ताकि सुरक्षा में लगे जवान हर गतिविधियों पर पैनी नजर रख सके. लेकिन इसके बावजूद भी खुली सीमा होने के कारण अराजक तत्व प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे लोगों की चिन्हित करने की कार्रवाई अब जल्द शुरू होने वाली है.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर,बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिले से नेपाल की 570 किलो मीटर सीमा लगी है. दोनों देश में आने जाने के लिए सोनौली, खूंनवा, रुपईडीहा के अलावा 300 से अधिक पगड़ंडियां हैं जिससे होकर लोग आते-जाते हैं. इन रास्तों से देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों के घुसपैठ और तस्करी करने की संभावना बनी रहती हैं. उधर, यूपी पुलिस ने नेपाल सीमा से लगे गांव की निगरानी बढ़ा दी है.
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