तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में प्याज की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) ने बड़ा कदम उठाया है. नेफेड ने चेन्नई और उसके आसपास इलाकों में मोबाइल वैन की मदद से 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेचना शुरू कर दिया है. संघ के एक अधिकारी ने कहा कि सब्जी की कीमत को कम करने में मदद करने के लिए रोज लगभग 120 टन प्याज 35 रुपये किलो की दर से बेचा जा रहा है. इससे आम जनता को महंगाई से काफी हद तक राहत मिली है.
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि ऐसे खुदरा बाजार में प्याज 55-75 रुपये प्रति किलो की दर बेचा जा रहा है. नेफेड के राज्य प्रमुख सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि हमारी कोशिश यही है कि अधिक से अधिक लोग सस्ते दरों पर प्याज खरीदें. इसके लिए प्याज से लदे मोबाइल वैन को रेजिडेंशियल इलाके और भीड़भाड़ वाली जगहों पर तैनात किया जा रहा है. करीब रोजना 10 वाहनों से प्याज की सेलिंग की जा रही है.
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इस बीच, खाद्य और सहकारिता सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा कि सहकारिता विभाग भी तमिलनाडु सहकारी विपणन संघ (TANFED), सहकारी स्टोर, फार्म फ्रेश आउटलेट और उचित मूल्य की दुकानों के एक हिस्से के माध्यम से टमाटर और प्याज बेच रहा है. पिछले सप्ताह की तुलना में, सरकार द्वारा कई हस्तक्षेपों के कारण प्याज की कीमतों में काफी कमी आई है. उन्होंने कहा कि यदि अधिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है, तो हम नासिक बाजार से सीधे प्याज और थोक बाजारों से टमाटर खरीदेंगे.
उपभोक्ता कार्यकर्ता टी. सदागोपन ने कहा कि औसत परिवार प्रति सप्ताह लगभग 2.5 किलोग्राम प्याज और टमाटर का उपभोग करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर पैसा किसान के पास जाता है, तो उपभोक्ता खुश होंगे. लेकिन इस मामले में, बिचौलिए जमाखोरी कर रहे हैं और इन सब्जियों को अत्यधिक कीमतों पर बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को जमाखोरी को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.
बता दें कि केंद्र सरकार पिछले 5 सितंबर से 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेच रही है. राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर कुल 38 जगहों पर सस्ते दरों में प्याज की बिक्री की जा रही है. मोबाइल वैन के जरिए कृषि भवन, एनसीयूआई कॉम्पलेक्स, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन, पटेल चौक मेट्रो स्टेशन और नोएडा के कुछ हिस्सों में रियायती दरों पर प्याज बेचा जा रहा है. सरकार द्वारा खुद प्याज की बिक्री किए जाने का उद्देश्य इसकी स्थानीय आपूर्ति में सुधार करना है और कीमतों को नियंत्रित करना है.
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