झारखंड के किसानों के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें फसलों की सिंचाई करने के लिए बारिश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि खेतों तक जल्द ही नहरों का पानी पहुंचने वाला है. इसके लिए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने दो सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण के लिए 770 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मंजूर की है. ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि इन परियोजनाओं से किसानों को काफी फायदा होगा. उपज बढ़ने के साथ-साथ उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी.
वहीं, नाबार्ड ने शनिवार को कहा कि उसने झारखंड में दो सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण के लिए 770 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मंजूर की है. इन परियोजनाओं की मंजूरी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (आरआईडीएफ) के तहत दी गई है. नाबार्ड झारखंड क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक एस के जहागीरदार ने कहा कि नाबार्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत पलामू और गिरिडीह जिले में दो सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण के लिए 769.58 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मंजूर की है.
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बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, पलामू में परियोजना जिले के आठ ब्लॉकों में पाइपलाइनों के माध्यम से खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचेगा. इन परियोजनाओं के बनने के बाद 11,000 हेक्टेयर अधिक भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. गिरिडीह में मेगालिफ्ट सिंचाई परियोजना पीरटांड ब्लॉक के 197 गांवों में से 165 को कवर करेगी, जिससे 10,158 हेक्टेयर खेती योग्य कमांड क्षेत्र का विकास होगा.
नाबार्ड के अनुसार, दोनों परियोजनाओं से इन जिलों में कृषि गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है. वहीं, इस मंजूरी के साथ, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान आरआईडीएफ के तहत झारखंड को नाबार्ड का समर्थन 1,017 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. बैंक ने एक बयान में कहा कि ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष की स्थापना के बाद से झारखंड को प्रदान की गई सहायता अब लगभग 24,300 करोड़ रुपये हो गई है.
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