महाराष्ट्र के अकोला जिले में ठाकरे गुट के शिवसेना विधायक नितिन देशमुख ने आज से जिले में शेतकारी संघर्ष पदयात्रा शुरू कर दी है. यह पदयात्रा आज कड़ी धूप में मुर्तिजापुर तालुका में गाडगेबाबा की कर्मभूमि दापुरा गांव से शुरू हुई. इस यात्रा में किसानों, मजदूरों, नागरिकों और महिलाओं के साथ-साथ भजनीमंडल भी शामिल है. विधायक देशमुख ने यात्रा की शुरुआत में ताल मृदंग के साथ लोगों का उत्साह बढ़ाया. यह यात्रा 300 गांवों से होकर लगभग 400 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इसके माध्यम से किसानों को जोड़ने की कोशिश होगी.
विधायक नितिन देशमुख ने इस यात्रा के माध्यम से कपास उत्पादक किसानों के लिए 15 हजार प्रति क्विंटल और सोयाबीन के लिए 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल दाम की मांग की है. इस यात्रा के समय रोज़ किसान गांव में ही ठहरेंगे. इस बीच पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के 21 फरवरी को इस पदयात्रा में शामिल होने की संभावना है. यह यात्रा किसानों की कम राजनीतिक ज्यादा लग रही है. नितिन देशमुख का कहना है कि महाराष्ट्र में किसानों प्याज़,कपास और सोयाबीन कि कीमतों का उचित दाम नहीं मिल रहा हैं किसानों को मजबूरी में कम दामों पर अपनी उपज को बेचना पड़ रहा हैं.
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1. कपास के लिए 15,000 प्रति क्विंटल और सोयाबीन के लिए 10,000 प्रति क्विंटल दाम का सरकार भुगतान करे. ये दोनों महाराष्ट्र की प्रमुख फसल हैं.
2. दोनों फसल बेचने वाले किसानों को 3000 रुपये प्रति क्विंटल की सरकार सब्सिडी दे.
3. केंद्र और राज्य सरकार किसान विरोधी फैसले न ले.
4. दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ केंद्र का व्यवहार गलत है. विधायक ने इसकी निंदा की है.
उधर, हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. इस आंदोलन को महाराष्ट्र के भी कई किसान संगठनों ने सपोर्ट दिया है. आंदोलनकारी पूरे देश के किसानों के लिए सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के भाव तय करने, किसानों और मजदूरों की कर्ज़मुक्ति और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पूरे देश में फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं. इसके तहत भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की लिखित सहमति एवं कलेक्टर रेट से 4 गुणा मुआवज़ा देने की मांग हो रही है. साथ ही भारत को विश्व व्यापार संगठन से बाहर आने और विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द करने की भी किसान संगठन मांग कर रहे हैं.
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