पूरे देश में इस समय फलों के राजा आम का मौसम शुरू हो चुका है. हर कोई अपने फेवरिट फल को जल्द से जल्द घर लाकर इसका स्वाद चखना चाहता है. जहां आम का मौसम शुरू होने से आम लोग खुश हैं तो वहीं कर्नाटक में आम की खेती करने वाले किसान निराश हैं. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में पिछले दिनों आमों का मेला शुरू हुआ है जिसमें कई तरह के आम देखने को मिल रहे हैं. सीजन शुरू होने के बाद भी इस बार आम के किसान और व्यापारियों को मेले में थोड़ा उदास देखा जा सकता है. उनका कहना है कि इस बार आम की फसल अच्छी नहीं हुई और इन किसानों के फसल सही न होने की वजहें भी बताई हैं.
इस साल आम की फसल अच्छी नहीं रही है और यही किसानों की उदासी की सबसे बड़ा वजह है. फसल अच्छी नहीं होने से राज्य के किसान निराश हैं. कुछ किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि वे बेंगलुरु के लालबाग में गुरुवार से शुरू हुए आम मेले में आम की आपूर्ति-मांग की बराबरी कैसे कर पाएंगे. वहीं कुछ व्यापारी इस बात से परेशान हैं कि उनके आम की किस्म को उचित दाम नहीं मिला और न ही उन्हें मेले में स्टॉल लगाने को मिला. इस साल पानी की कमी, अपर्याप्त नमी और भीषण गर्मी सहित कई कारणों से पैदावार कम रही. कई किसानों ने दुख जताते हुए कहा कि इससे इस साल कारोबार पर काफी असर पड़ा है.
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आम बेचने वाले लिंगाराजू ने मीडिया से कहा, 'आम एक मौसमी फल हैं और आम तौर पर ग्राहक इनका आनंद लेते हैं, भले ही इसकी कीमतें ज्यादा क्यों न हो. लेकिन इस साल पैदावार बहुत अच्छी नहीं रही. जलवायु परिस्थितियों के कारण फल ठीक तरह से पके नहीं और इस वजह से फल खराब हो गए.' उनका कहना था कि इस साल ग्राहक आम की किस्मों से बहुत उम्मीद नहीं कर रहे हैं. वहीं तुमकुरु के आए एक और व्यापारी रामकृष्ण ने कहा कि इस साल खरीदार ज्यादा हैं और पैदावार कम है. उन्होंने कहा कि हर कोई एक ही किस्म के आम से फायदा कमाना चाहता है. मैंगो मेला आयोजित करने वाले अधिकारियों को इस साल पैदावार की स्थिति का पता है. उन्हें स्टॉल बढ़ाने चाहिए थे और ऐसी योजना बनानी चाहिए थी जो सभी के लिए फायदेमंद हो.
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बाकी व्यापारियों ने यह भी कहा कि राज्य के केवल कुछ ही किसानों को इस वार्षिक मेले से फायदा होता है क्योंकि केवल कुछ खास क्षेत्रों के किसानों को ही अपनी उपज बेचने का मौका दिया जाता है. व्यापारियों ने मेले के आयोजन के औचित्य पर सवाल उठाया खासकर तब जब आम का बड़ा उत्पादन सिर्फ एक क्षेत्र से होता है. किसानों ने सवाल किया वो राज्य के अलग-अलग जिलों से बेंगलुरू आते हैं क्योंकि इसका उपभोक्ता आधार बड़ा है. अगर उनके आम की किस्म को यहां प्राथमिकता नहीं दी जाएगी तो फिर वो और कहा जाएंगे ?
स्थानीय भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए, कर्नाटक राज्य आम विकास और विपणन निगम लिमिटेड (केएसएमडीएमसीएल) और बागवानी विभाग ने सभी स्टॉल केवल कर्नाटक के किसानों और व्यापारियों को देने का फैसला किया था. मेले में करीब 60 स्टॉल हैं और ये सभी कर्नाटक के किसानों को दिए जाएंगे. इन स्टॉलों में कटहल की भी करीब 15 किस्मों को जगह दी गई है.
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