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Mango: यूपी में भी आम पर बेमौसम बार‍िश की मार, 60 फीसदी नुकसान का अनुमान

Mango: यूपी में भी आम पर बेमौसम बार‍िश की मार, 60 फीसदी नुकसान का अनुमान

आम के चाहने वालों को अपना पसंदीदा दशहरी , लंगड़ा और चौसा का इंतजार है. इन आम की फसल को तैयार होने में थोड़ा और भी वक्त लग सकता है. बेमौसम बारिश तेज हवाएं और ओले गिरने से आम की फसल को लगातार नुकसान पहुंचा है. इस साल आम उत्पादक किसानों ने अच्छे उत्पादन की उम्मीद जताई थी क्योंकि आम की फसल में फूल काफी अच्छे आए थे लेकिन मार्च महीने से ही मौसम की बेरुखी के चलते आम को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है

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बेमौसम बारिश से आम की फसल को नुकसान बेमौसम बारिश से आम की फसल को नुकसान

आम यानी mango के चाहने वालों को अब दशहरी, लंगड़ा और चौसा का इंतजार है, लेक‍िन इस साल ये इंतजार और लंबा और महंगा हो सकता है.असल में इस साल बेमौसम बारिश तेज हवाएं और ओले गिरने से आम की फसल को लगातार नुकसान पहुंचा है. इस साल आम उत्पादक किसानों ने अच्छे उत्पादन की उम्मीद जताई थी क्योंकि आम की फसल में फूल काफी अच्छे आए थे, लेकिन मार्च महीने से ही मौसम की बेरुखी के चलते आम को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. 24 अप्रैल को भी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और तेज हवाओं की वजह से आम की फसल को एक बार फिर से नुकसान पहुंचा है. मलिहाबाद और काकोरी क्षेत्र मैं आम को अब तक 60 फीसदी तक नुकसान पहुंच चुका है. आम उत्पादक किसान काफी ज्यादा परेशान है क्योंकि इस बार आम की फसल को बचाने के लिए वह कई बार दवाओं का छिड़काव भी करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद भी आंधी और बारिश की वजह से काफी आम गिर चुके हैं.

दशहरी और चौसा को हुआ ज्यादा नुकसान

उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करता है. वहीं आम उत्पादन में विश्व में भारत की हिस्सेदारी 42 फीसदी है. 2021-22 में 210 लाख टन आम का उत्पादन हुआ. वर्ष 2023 देश में आम का उत्पादन और भी ज्यादा होने का अनुमान जताया गया था, लेकिन बारिश और ओलावृष्टि के चलते बागवानी को काफी नुकसान पहुंचा है.लखनऊ के मलिहाबाद और काकोरी फल पट्टी में ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश के चलते आम की फसल को अब तक 60 फीसदी तक नुकसान हो चुका है, जबकि मेरठ के क्षेत्र में चौसा आम का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है. यहां भी आंधी और बारिश के चलते 50 फीसदी तक फसल को नुकसान हो चुका है. वहीं अभी आम की फसल को तैयार होने में 1 महीने का समय बाकी है. ऐसे में आम उत्पादक किसान काफी परेशान हैं. महिला किसान रजई देवी ने बताया कि इस बार कीटों से फसल को बचाने के लिए कई बार छिड़काव करना पड़ा. वहीं अब तक आधे से ज्यादा आम के फल गिर चुके हैं. लगता नहीं है कि इस बार फायदा होगा.

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आम उत्पादक किसान इस बार आम के महंगा होने का अनुमान जता रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मेरठ, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर और वाराणसी के क्षेत्र में आम की फसल को बारिश और ओलावृष्टि से काफी नुकसान पहुंचा है. इस नुकसान के चलते आम की फसल अब सीमित रह गई है. वहीं आम उत्पादक इस बार आम की फसल के महंगे होने का अनुमान जता रहे हैं. आम के क्षेत्र में काम करने वाले पद्मश्री से सम्मानित किसान कलीम उल्लाह खान ने बताया कि इस साल आम की मिठास के लिए लोगों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है.