अब आग और चूल्हे का झंझट खत्म, ठंडे पानी में पकेगा ये चावल, बिहार में शुरू हुई खेती

अब आग और चूल्हे का झंझट खत्म, ठंडे पानी में पकेगा ये चावल, बिहार में शुरू हुई खेती

चावल बिहार की मुख्य फसल है. यहां पर करीब 35 लाख हेक्टेयर में किसान चावल की खेती करते हैं. इससे लाखों परिवारों का घर चलता है. लेकिन अब यहां के किसान वैज्ञानिक विधि से चावल की नई- नई किस्मों की खेती कर रहे हैं. कमलेश चौबे नाम के एक किसान ने मैजिक चावल की खेती शुरू की है. ऐसे असम में बड़े स्तर पर किसान इसकी खेती करते हैं.

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अब आग और चूल्हे का झंझट खत्म, ठंडे पानी में पकेगा ये चावल, बिहार में शुरू हुई खेतीअब ठंडे पानी में पका कर खाइये चावल. (सांकेतिक फोटो)

चावल भारत का मुख्य आहार है. हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित लगभग सभी राज्यों में किसान चावल की अलग- अलग किस्मों की खेती करते हैं. इससे उन्हें अच्छी इनकम होती है. लेकिन बिहार में एक युवक ने चावल की ऐसी किस्म की खेती शुरू की है, जो चर्चा का विषय बनी हुई है. चावल की इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे आप ठंडे पानी में भी पका सकते हैं. यानी आपको चावल को पकाने के लिए पानी को गर्म करने की जरूरत नहीं है. खास बात यह है कि इस युवक को देखकर अब दूसरे किसान भी चावल की इस किस्म की खेती करने लगे हैं.

न्यूज18 हिन्दी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस किसान का नाम कमलेश चौबे है और वे पश्चिम चंपारण जिला के नरकटियागंज स्थित मुशहरवा गांव के रहने वाले हैं. कमलेश चौबे पेशे से किसान हैं. उनका कहना है कि उनके पिता भी पारंपरिक तरीके से खेती करते थे. इससे लागत के मुकाबले मुनाफा कम होता था. ऐसे में उन्होंने खेती में कुछ नया प्रयोग करने का प्लान बनाया. इसी दौरान उन्हें  मैजिक चावल के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद कमलेश में मैजिक चावल की खेती शुरू कर दी. अब वे गांव ही नहीं, बल्कि पूरे इलाके के फेमस किसान हो गए हैं. दूसरे गांव के किसान भी उनसे खेती करने की सलाह लेते हैं.

असम में किसान करते हैं इसकी खेती

कमलेश चौबे की माने तो मैजिक चावल धान की एक बेहतरीन किस्म है. इसकी पैदावार भी अच्छी होती है. इस चावल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे ठंडे पानी में भी पकाया जाता है. इसके लिए बस आपको मैजिक चावल को ठंडे पानी में आधे घंटे के लिए छोड़ना होगा. इसका स्वाद भी गर्म पानी में पके चावल की तरह ही होता है. ऐसे असम में मैजिक चावल ज्यादा फेमस है. यहां पर काफी अधिक संख्या में किसान मैजिक चावल की खेती करते हैं.

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140 दिनों में तैयार हो जाती है फसल

बिहार में मैजिक चावल के बीज नहीं मिलते हैं. ऐसे में कमलेश ने कलकता से इसके बीज मंगवाए. उनकी माने तो 800 रुपये प्रति किलो इसके बीच का रेट है. उन्होंने इस बार पांच कट्ठे में इसकी खेती की थी. वहीं, जानकारों का कहना है कि मैजिक चावल की फसल 140 दिनों में तैयार हो जाती है. इसमें कार्बोहाइड्रेट बहुत की कम मात्रा में पाया जाता है. ऐसे मैजिक चावल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. किसान कमलेश ने बताया कि पांच कट्ठे जमीन में ही इस बार अच्छी पैदावार हुई है. उन्होंने अब इसकी सप्लाई भी शुरू कर दी है. कमलेश ने गुरजात, नागालैंड, उत्त प्रदेश और मध्य प्रदेश में किसानों की डिमांड पर मैजिक चावल के बिज की सप्लाई की है. इससे उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ है.

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