अमेरिका की ओर से भारत पर थोपे गए 50 फीसदी टैरिफ का असर चाय इंडस्ट्री पर भी पड़ने वाला है. 50 फीसदी मुश्किल टैरिफ ने बाद भारतीय चाय उद्योग में चिंताएं बढ़ा दी हैं. इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स की मानें तो इस फैसले से अमेरिका को होने वाले चाय निर्यात पर सीधा असर पड़ेगा. साथ ही पहले से ही कम मुनाफे पर काम कर रहे उत्पादकों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. अमेरिका भारतीय चाय के लिए एक अहम बाजार है. पिछले साल भारत ने अमेरिका को लगभग 1.7 करोड़ किलोग्राम चाय निर्यात की थी. वहीं, मई 2025 तक यह आंकड़ा घटकर 62.6 लाख किलोग्राम पर पहुंच गया.
इंडियन टी एसोसिएशन (आईटीए) ने पिछले दिनों एक बयान जारी कर इस बारे में विस्तार से बताया है. इस बयान में कहा गया है, 'भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत शुल्क निर्यात के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. उत्पादन और वितरण पहले ही न्यूनतम मार्जिन पर चल रहे हैं, ऐसे में लागत में वृद्धि को सप्लाई चेन झेल नहीं सकती है.' एसोसिएशन के मुताबिक अमेरिका को काली चाय की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देश भारत, श्रीलंका, अर्जेंटीना और मलावी हैं. ऐसे में टैरिफ की वजह से प्रतिस्पर्धा और तेज हो सकती है.
यह अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क 27 अगस्त से लागू हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनान्ल्ड ट्रंप ने की ओर से रूस से तेल की खरीद के चलते अतिरिक्त टैरिफ थोपा है. इससे कुल आयात शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है. हालांकि आईटीए का मानना है कि असम और दार्जिलिंग चाय की मजबूत मांग को देखते हुए अमेरिकी उपभोक्ता ऊंची कीमत चुकाने के लिए तैयार हो सकते हैं. एसोसिएशन ने सरकार से चाय उद्योग को राहत देने की मांग की है.
आईटीए ने कहा है कि बहुत ज्यादा परिवहन लागत को कम करने के लिए आईसीडी शिपमेंट्स पर प्रोत्साहन योजनाएं जरूरी हैं. साथ ही, बढ़ती वैश्विक मांग को देखते हुए ऑर्थोडॉक्स चाय सब्सिडी को फिर से लागू करने पर भी जोर दिया गया. निर्यात के आंकड़े इस समय मिली-जुली तस्वीर पेश कर रहे हैं. जनवरी से मई 2025 के बीच उत्तर भारत से चाय निर्यात में मात्रा के हिसाब से 8.74 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 22.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है.
इस दौरान निर्यात कीमत 12.50 प्रतिशत बढ़कर 308.22 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. वहीं, दक्षिण भारत में निर्यात मात्रा 15.42 प्रतिशत घट गई, हालांकि कीमत में 21.29 प्रतिशत की बढ़ोतरी के चलते मूल्य में 2.59 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई. कुल मिलाकर, पूरे भारत को होने वाली चाय निर्यात की मात्रा में 1.51 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. लेकिन इसके बावजूद कीमत में 15.09 प्रतिशत और औसत कीमत में 16.85 प्रतिशत की वृद्धि भी दर्ज की गई है.
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