रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की खरीद देश के सभी प्रमुख उत्पादक सूबों में शुरू हो गई है. पांच अप्रैल तक पांच लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है. केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा 4,81,080 मीट्रिक टन की खरीद मध्य प्रदेश में हुई है. आमतौर पर गेहूं खरीद में नंबर वन रहने वाले पंजाब में सबसे तेजी से खरीद होती है. लेकिन इस बार मध्य प्रदेश आगे चल रहा है. वजह यह है कि मध्य प्रदेश में खरीद पहले से हो रही है, जबकि पंजाब में एक अप्रैल को खरीद शुरू होने के बावजूद अब तक मंडियां सूनी पड़ी हुई हैं. हालांकि, पिछले साल पंजाब ने देश में सबसे अधिक 1,21,16,774 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था.
मध्य प्रदेश में गेहूं की बिक्री पर किसानों को एमएसपी के ऊपर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस मिल रहा है. जबकि पंजाब में ऐसा नहीं है. पिछले साल मध्य प्रदेश एमएसपी पर सेंट्रल पूल में गेहूं बेचने वाला पंजाब के बाद दूसरा प्रमुख राज्य था. हालांकि अपना खरीद लक्ष्य नहीं हासिल कर पाया था. साल 2023 में मध्य प्रदेश को 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया गया था, जबकि यहां पर 71 लाख मीट्रिक टन की ही खरीद हो पाई थी. हालांकि, इस बार यह खरीद में सबसे आगे है.
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इस समय तक देश में गेहूं की दूसरी सबसे बड़ी खरीद राजस्थान में हुई है. यहां भी सरकार मध्य प्रदेश की तरह गेहूं की तय एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल पर 125 रुपये का बोनस दे रही है. यानी किसानों को गेहूं का दाम 2400 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है. पांच अप्रैल दोपहर तक यहां पर 12,446 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका था. जबकि उत्तर प्रदेश में अब तक सिर्फ 7,209.21 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है. पिछले साल भी उत्तर प्रदेश गेहूं खरीद के मामले में अपने लक्ष्य से काफी पीछे था. हरियाणा और पंजाब जैसे प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में हुई खरीद का अब तक कोई आंकड़ा नहीं आया है. बताया जा रहा है दोनों राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद काफी सुस्त है.
गेहूं खरीद प्रक्रिया जारी रहने के बीच अब तक 31 करोड़ 56 लाख रुपये का एमएसपी के तौर पर भुगतान हुआ है. जिसमें से 17 करोड़ 95 लाख रुपये मध्य प्रदेश के किसानों को मिले हैं, जबकि 11 करोड़ 84 लाख रुपये राजस्थान और पौने दो करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश के किसानों को मिला है. सरकार अब आढ़तियों को किनारे हटाकर सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में एमएसपी का भुगतान कर रही है. इसके लिए रजिस्ट्रेशन के वक्त किसानों के बैंक अकाउंट नंबर भी लिए गए हैं. अब तक देश के 1,816 किसानों को गेहूं बिक्री के बाद पैसा मिल चुका है.
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अनुसार इस वर्ष अब तक 19,54,970 किसानों ने एमएसपी पर सरकार को गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. यह रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 में गेहूं की एमएसपी का फायदा उठाने वाले किसानों की संख्या से कम है. पिछले वर्ष 21,28,159 किसानों सरकार को गेहूं बेचा था.
फिलहाल, रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 सबसे ज्यादा 15,35,016 किसानों ने मध्य प्रदेश में रजिस्ट्रेशन करवाया है. इसके अलावा 2,61,083 किसानों ने उत्तर प्रदेश और 91,059 ने राजस्थान में गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. अभी तक हरियाणा के 32,214, बिहार के 13,273 और पंजाब के 11,344 किसानों के रजिस्ट्रेशन की सूचना है. हालांकि, आमतौर पर पंजाब और हरियाणा में गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या सबसे ज्यादा रहती है. इन दोनों सूबों के रजिस्टर्ड किसानों की संख्या अभी अपडेट होगी.
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