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गर्मी बढ़ने के साथ ही नींबू हुआ महंगा, कीमत में 350 फीसदी की बढ़ोतरी, जानें ताजा मंडी रेट

गर्मी बढ़ने के साथ ही नींबू हुआ महंगा, कीमत में 350 फीसदी की बढ़ोतरी, जानें ताजा मंडी रेट

ग्राहकों का कहना है कि पहले, नींबू सोडा और नींबू कोल्ड ड्रिंक 20 रुपये प्रति कप बेचा जाता था. अब यह बढ़कर 25-30 रुपये हो गया है. नींबू व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने से नींबू की मांग और बढ़ेगी. व्यापारियों का कहना है कि अब मध्यम आकार के नींबू की कीमत 5 रुपये हो गई है.

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नींबू की कीमत में लगी आग. (सांकेतिक फोटो) नींबू की कीमत में लगी आग. (सांकेतिक फोटो)

गर्मी बढ़ने के साथ ही मार्केट में नींबू की खपत भी बढ़ गई है. इससे इसकी कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. खास बात यह है कि कर्नाटक के बेलगावी जिले में मांग बढ़ने से रिटेल के साथ-साथ हॉलसेल मार्केट में भी नींबू महंगा हो गया है. इसकी कीमत में 350 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. कहा जा रहा है कि अगर तापमान में बढ़ोतरी इसी तरह से जारी रहा तो आने वाले दिनों में नींबू और महंगा हो सकता है. वहीं, जानकारों का कहना है कि नींबू की कीमत में बढ़ोतरी से बेलगावी में उपभोक्ताओं पर भारी असर पड़ा है. उनके किचन का बजट खराब हो गया है.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक में सबसे बड़े नींबू उत्पादक क्षेत्र के रूप में जाने जाने वाले विजयपुरा जिले में इस साल पर्याप्त मात्रा में नींबू का उत्पादन नहीं हुआ है, जिससे खुदरा बाजार में सप्लाई की कमी हो गई है. यही वजह है कि इस साल भी नींबू की कीमत आसमान छू रही है. क्योंकि किसानों के पास मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा नींबू नहीं है. 30 साल से नींबू बेचने वाले अकबर हुसैन ने कहा कि एक महीने पहले बड़े आकार के 1,000 नींबू की थोक कीमत 2,000 रुपये थी. अब, बड़े आकार की समान मात्रा के लिए, हमें 7,000 रुपये से भी अधिक का भुगतान करना पड़ रहा है. यानी नींबू के हॉलसेल रेट में 350 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 

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कोल्ड ड्रिंक भी हुआ महंगा

वहीं, ग्राहकों का कहना है कि पहले, नींबू सोडा और नींबू कोल्ड ड्रिंक 20 रुपये प्रति कप बेचा जाता था. अब यह बढ़कर 25-30 रुपये हो गया है. नींबू व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने से नींबू की मांग और बढ़ेगी. व्यापारियों का कहना है कि अब मध्यम आकार के नींबू की कीमत 5 रुपये हो गई है, जबकि बड़े आकार का नींबू 7 से 10 रुपये रुपये में बिक रहे हैं. नींबू विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अशोक अल्लापुर ने बताया कि इस बार सूखे के कारण नींबू के पेड़ के फूल खराब हो गए थे, जिससे उपज में कमी आई है. वर्तमान सूखे की स्थिति के दौरान किसानों के लिए अपने नींबू के पेड़ों को बनाए रखना मुश्किल हो गया है.

12200 हेक्टेयर में नींबू की खेती

बेलगावी बागवानी विभाग के उप निदेशक महंतेश मुरगोड ने कहा कि बारिश की कमी के कारण नींबू की पैदावार में गिरावट आई है. नींबू की मांग गर्मियों में अधिक होती है. यदि मांग आपूर्ति से अधिक होगी तो कीमत बढ़ना स्वाभाविक है. कर्नाटक में नींबू की खेती 22,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में की जाती है, जिसका वार्षिक उत्पादन तीन लाख टन है. इसमें से 60 फीसदी उत्पादन क्षेत्र विजयपुरा जिले में है. विजयपुरा जिले में सबसे अधिक 12,200 हेक्टेयर में नींबू की खेती का क्षेत्र है. इसके बाद कलबुर्गी, बागलकोट और बेलगावी जिले नींबू की खेती होती है. किसानों से खरीदा गया नींबू सूरत, अहमदाबाद, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई के रास्ते विदेशों में निर्यात किया जाता है.

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