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कर्नाटक में हल्दी ने 13 साल का तोड़ा रिकॉर्ड, कीमत में बढ़ोतरी से किसानों को हो रहा बंपर मुनाफा

कर्नाटक में हल्दी ने 13 साल का तोड़ा रिकॉर्ड, कीमत में बढ़ोतरी से किसानों को हो रहा बंपर मुनाफा

तमिलनाडु के इरोड जिले में भी हल्दी का मार्केट अभी अच्छा है. इरोड की मंडियों में हल्दी 21,000 रुपये प्रति क्विंटल से भी ज्यादा पर कारोबार कर रही है. खास बात यह है कि इरोड दक्षिण भारत में हल्दी का एक प्रमुख केंद्र है. यहां के किसान इस साल कीमतों में बहुत अधिक बढ़ोतरी होने से काफी खुश हैं.

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हल्दी की कीमत में बंपर बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो) हल्दी की कीमत में बंपर बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो)

तमिलनाडु के इरोड के बाद अब कर्नाटक में भी हल्दी उत्पादक किसानों की बंपर कमाई हो रही है. चामराजनगर जिले के स्थानीय बाजारों में हल्दी की कीमत बढ़कर 20,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है. कहा जा रहा है कि 13 साल के बाद हल्दी की कीमत में इतनी अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इससे चामराजनगर के किसानों को जबरदस्त मुनाफा हो रहा है. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले साल सूखे और कीमतों में गिरावट के चलते किसानों ने कम रकबे में हल्दी की खेती की थी. इससे उत्पादन में गिरावट आने से हल्दी के रेट में बढ़ोतरी दर्ज की गई.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु के इरोड जिले में भी हल्दी का मार्केट अभी अच्छा है. इरोड की मंडियों में हल्दी 21,000 रुपये प्रति क्विंटल से भी ज्यादा पर कारोबार कर रही है. खास बात यह है कि इरोड दक्षिण भारत में हल्दी का एक प्रमुख केंद्र है. यहां के किसान इस साल कीमतों में बहुत अधिक बढ़ोतरी होने से काफी खुश हैं. इरोड में मार्च के दूसरे सप्ताह से कीमतों में 6,000 रुपये से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई, जो एक दशक में पहली बड़ी वृद्धि है.

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चामराजनगर जिले में हल्दी का रकबा

वहीं, इस वर्ष चामराजनगर जिले में हल्दी की खेती 7207 हेक्टेयर में हुई है, जो कीमत में गिरावट और सूखे के कारण पिछले वर्षों की तुलना में कम है. खेती में इस गिरावट के कारण कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे स्थानीय उत्पादकों को लाभ हो रहा है. चामराजनगर जिला हल्दी उत्पादक संघ के उपाध्यक्ष, नागार्जुन कुमार ने कहा कि हल्दी की कीमत में बढ़ोतरी होने से किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. तमिलनाडु और केरल के खरीदार 16,000 रुपये से 20,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर हल्दी खरीद रहे हैं. 

नागार्जुन कुमार ने कहा कि मौजूदा बाजार परिदृश्य स्थानीय उत्पादकों के लिए खुशी लेकर आया है. वहीं राजनीतिक गतिविधियां बढ़ने के कारण कीमतों में कमी की आशंका है. चामराजनगर में बागवानी के उप निदेशक संजय ने सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को बढ़ाने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता के माध्यम से हल्दी उद्योग के लिए ओडीओपी योजना के समर्थन पर जोर दिया है.

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इस वजह से बढ़ी कीमतें

वहीं, बीते दिनों खबर सामने आई थी कि तमिलनाडु के इरोड जिले में हल्‍दी 21369 रुपए प्रति किलोग्राम के दाम पर पहुंच गई है. किसी को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर पीले रंग के इस मसाले में ऐसा कौन सा 'सोना' मिल गया जो इसके दाम में इतनी इजाफा हो गया है. व्‍यापारियों की मानें तो इस व्यापारियों के मुताबिक इस सीजन के लिए हल्दी की आवक पिछले महीने से शुरू हो गई थी. शुरुआत में नीलामी कीमत 15000 रुपये प्रति क्विंटल थी. हालांकि, तीन हफ्तों के अंदर ही कीमत 21000 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गई. आगे आने वाले समय में इसमें और इजाफा होने की पूरी उम्‍मीद है.