देश के लगभग सभी राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. लेकिन कई राज्य ऐसे में हैं जहां खरीद तय तारीख से देरी से हो रही है. दरअसल, हरियाणा के करनाल जिले खरीद सीजन की आधिकारिक शुरुआत के आठवें दिन गेहूं की वास्तविक खरीद शुरू हो गई है. यहां के विधायक जगमोहन आनंद और मेयर रेणु बाला गुप्ता की मौजूदगी में अधिकारियों ने गेहूं की नीलामी शुरू की. उन्होंने अनाज मंडी का निरीक्षण किया और खरीद की तैयारियों का जायजा लिया. इसके अलावा उन्होंने किसानों और आढ़तियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली. बता दें कि खरीद 1 अप्रैल को शुरू होने वाली थी, लेकिन अधिक नमी, परिवहन और मजदूर ठेकेदारों की कमी खरीद शुरू न होने का प्रमुख कारण हैं.
विधायक ने कहा, "किसानों को अपनी उपज बेचते समय मंडियों में किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना चाहिए. अधिकारियों को सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की गारंटी देनी चाहिए. वहीं, अगर किसी भी किसान, व्यापारी या कमीशन एजेंट को कोई समस्या आती है, तो वे मुझे आधी रात को भी फोन कर सकते हैं.”
ये भी पढ़ें;- 10, 20 नहीं पूरे 50 हजार क्विंटल धान की हेराफेरी, फर्जी रजिस्ट्रेशन दिखाकर सरकार को लगाया करोड़ों रुपये का चूना
मेयर ने कहा कि किसान गेहूं और सरसों की फसल अनाज मंडियों में ला रहे हैं और एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करना अधिकारियों का कर्तव्य है. इससे पहले उन्होंने गेट पास सिस्टम की जांच की और अधिकारियों को इसे जारी करने में पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश दिए. साथ ही साफ-सफाई बनाए रखने, स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने और खरीदी गई फसलों का समय पर उठान करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने अधिकारियों को पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा शुरू की गई पहल की याद दिलाई, जिसमें किसानों के खातों में सीधे भुगतान किया जाता था.
आढ़तियों की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक जगमोहन आनंद ने कहा कि मंडी के अंदर सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पर कड़ी नजर रखी जाएगी. उन्होंने निर्देश दिया कि खरीद के समय अनाज मंडी के अंदर पुलिस की एक गाड़ी तैनात की जाए. इसके अलावा उन्होंने सुरक्षा के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ी तैनात करने की संभावना पर भी चर्चा की.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today