भारत खेती के क्षेत्र में लगातार तेजी गति से आगे बढ़ रहा है. देश में खाद्य पदार्थ, पशुपालन विभाग, डेयरी विभाग के साथ- साथ फल- फूल और औषधियों के उत्पादन पर भी लगातार तरक्की कर रहा है, जिसके तहत देश के किसानों की आय में बढ़ोतरी के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. देश की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इस कारण देश में कृषि और पैदावार को बढ़ाने के लिए अनेक सरकारी प्रयोग और प्रयास किए जाते हैं, जिसका परिणाम यह हुआ कि देश संतरे के उत्पादन में चीन को पछाड़ दिया है. 2020 के आंकड़ों के अनुसार भारत में संतरे की कुल पैदावार 9.85 मिलियन टन हुआ है, जबकि चीन में 7.50 मिलियन टन ही संतरों का उत्पादन हुआ.
देश में किसानों की मेहनत से संतरे का उत्पादन बढ़ा है. तो वहीं राष्ट्रीय बागवानी मिशन जैसी योजनाओं की भी इसमें अहम भूमिका निभाई है. जिसकी वजह से देश में खाद्यान्न के साथ ही संतरे की पैदावार में बढ़ोतरी देखी गई है. बात करें 2012 की तो चीन में 7.10 मिलियन टन संतरे का उत्पादन हुआ था तो वहीं भारत में केवल 4.36 मिलियन टन की पैदावार देखी गई थी.
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संतरे की खेती के लिए किसी विशेष परिस्थिति की जरूरत नहीं होती. यह सामान्य जलवायु में भी आसानी से उगाया जा सकता है. इसलिए देश के अधिकांश जगहों में संतरे की खेती की जाती है. लेकिन, संतरे की पैदावार की बात करें तो देश में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में संतरे की खेती और उत्पादन सबसे अधिक होता है उसके बाद दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में भी संतरे की खेती बड़े पैमाने में की जाती है जहां संतरे का अच्छा उत्पादन होता है.
देश में लगातार बढ़ रहे कृषि पैदावार से देश के किसानों का आय में मुनाफा होने के साथ- साथ आत्म निर्भरता की ओर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. देश में उत्पादन बढ़ने से भारत अनाजों का निर्यात करने वाले प्रमुख 10 देशों की सूची में भी शामिल हुआ है, साथ ही नए नए लोग खेती से जुड़कर रोजगार का माध्यम तैयार कर रहे हैं.
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