मध्य प्रदेश को देश के एक ऐसे राज्य के तौर पर जाना जाता है, जहां पर सोयाबीन की खेती जमकर होती है. इस वजह से कुछ लोग इसे सोया स्टेट भी कहते हैं. सोयाबीन की खेती यहां के किसानों के लिए भी फायदे का सौदा साबित होती रही है. लेकिन अब सोयाबीन की खेती करने वाले किसान एक नई मुसीबत से दो-चार हो रहे हैं. आपको सुनकर अजीब लगेगा लेकिन यहां पर एक्सप्रेस-वे पर लगी चमकीली लाइट्स सोयाबीन की खेती के लिए नई परेशानी बन गई है. किसानों का कहना है कि तेज रोशनी की वजह से पौधे बढ़ रहे हैं लेकिन फलियां जस की तस बनी हुई हैं.
'ईटीवी' की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में किसान पहले से ही सोयाबीन की गिरती कीमतों और येलो मोजैक वायरस से परेशान थे. इस वायरस की वजह से किसानों को सोयाबीन की फसल को नष्ट करना पड़ा है. वहीं कुछ किसान कम दाम मिलने से भी निराश हैं. इन सबके बीच ही अब रतलाम के नीमन और उपलई गांव में सोयाबीन के किसान से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की वजह से अजीबो-गरीब समस्या का सामना करने को मजबूर हैं.
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उनकी मानें तो एक्सप्रेस वे पर लगी तेज रोशनी वाली हाई मास्ट लाइट सोयाबीन की फसलों को आराम नहीं करने दे रही. यहां के किसान पिछले तीन सालों से सोयाबीन की फसल खराब होने से परेशान हैं. नीमन और उपलई गांव के किसानों का दावा है की दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के हाई मास्ट की तेज रोशनी की वजह से सोयाबीन में अफलन की समस्या आ गई है. किसानों ने इसके लिए एसडीएम और जिला प्रशासन से गुहार भी लगाई है.
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यहां के जावरा के पास से होकर गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे नीमन और उपलई गांवों से निकलता है. इस जगह एक्सप्रेस-वे पर होटल, अस्पताल के साथ ही एंट्री और एग्जिट प्वाइंट भी बना हुआ है. इसकी वजह से यहां पर बड़ी-बड़ृी हाई मास्ट और फ्लड लाइट्स लगाई गई हैं. इस रोड के 200 मीटर के रेडियस में करीब सौ डेढ़ सौ बीघा जमीन पर सोयाबीन की फसल असामान्य तरीके से लंबी हो गई है. पौधे काफी बड़े और घने जरूर हो गए हैं, लेकिन इसमें फूल और फलिया नहीं लगी हैं. अफलन की समस्या से तीन साल से जूझ रहे किसानों ने इस बार आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
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किसानों की धमकी के बाद कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के वैज्ञानिकों की टीम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया है. गांव के किसानों की मानें तो सिर्फ सोयाबीन ही नहीं बल्कि मक्का, गेहूं और सब्जियों की फसल में भी इसी तरह की समस्या आ रही है. किसानों की मानें तो यह सबकुछ 8 लेन की लाइटों की वजह से ही हो रहा है क्योंकि पेड़ की छाया में दबे हुए फसल के पौधों पर फलियां लग रही हैं. जबकि रोशनी पड़ने वाले हिस्से में अफलन की स्थिति है. किसानों ने कहा है कि एसडीएम, कलेक्टर और विधायक सहित केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी चिट्ठी लिखी गई है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.
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वहीं कृषि विभाग के सहायक संचालक बिका वास्कले केवीके के वैज्ञानिकों साथ जब निरीक्षण पर पहुंचे तो उन्होंने भी कुछ ऐसा ही पाया. उनका कहना था कि 24 घंटे लगातार रोशनी मिलने की वजह से पौधों में असामान्य बढ़वार हो गई है. इसी वजह से अब इसमें फलियां कम या नहीं आई हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने भी माना है कि फसल पर तेज रोशनी का प्रभाव पड़ा है. किसानों की मांग है कि एक्सप्रेस-वे पर लगी लाइटों को बंद किया जाए और उन्हें खराब हुई फसल का मुआवजा भी दिया जाए.
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