हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साल 2024-25 के लिए प्रदेश का बजट पेश किया. इस बजट में सरकार ने कृषि और इससे संबंधित सेक्टर के ऊपर बहुत अधिक फोकस किया है. कृषि, बागवानी और पशुपालन के विकास के लिए सैंकड़ो करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. सरकार का मानना है कि कृषि क्षेत्र के माध्यम से प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा सकता है. साथ ही किसानों की आय भी बढ़ाई जा सकती है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती, पशुपालन और मत्स्य पालन से संबंधित कई घोषणाएं कीं. उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए 582 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है.
सुक्खू ने 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी योजना के तीसरे घटक के रूप में राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि पहले चरण में प्रत्येक पंचायत से कम से कम 10 किसानों को रसायन मुक्त खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके तहत प्रदेश भर में 36,000 किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. वहीं, बेरोजगार युवाओं को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करने के लिए, प्रति परिवार अधिकतम 20 क्विंटल प्राकृतिक रूप से उगाया गया गेहूं और मक्का क्रमशः 40 रुपये और 30 रुपये के एमएसपी पर खरीदा जाएगा. खास बात यह है कि हिमाचल सरकार द्वारा प्रस्तावित एमएसपी देश में सबसे अधिक है.
सीएम सुक्खू ने घोषणा की कि हिमाचल प्रदेश कृषि मिशन के तहत किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा. सरकार 2024-25 में 50,000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सब्जी की खेती के तहत लाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता के पौधे उपलब्ध कराने के लिए सब्जी नर्सरी उत्पादन के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा.
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मुख्यमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए पशुपालन के महत्व पर जोर दिया और अप्रैल से गाय के दूध का खरीद मूल्य 38 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध का खरीद मूल्य 47 रुपये से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की. उन्होंने दावा किया कि हिमाचल प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दूध खरीद रहा है.
मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादक समितियों से एपीएमसी द्वारा ली जाने वाली फीस भी माफ कर दी. उन्होंने घोषणा की कि कांगड़ा के धगवार में एक पूरी तरह से स्वचालित दूध और दूध उत्पाद संयंत्र स्थापित किया जाएगा और दूध पाउडर, दही, खोया, घी, आइसक्रीम, सुगंधित दूध, प्रसंस्कृत पनीर और अन्य उत्पादों का उत्पादन करने के लिए दत्तनगर में एक अतिरिक्त संयंत्र कार्यात्मक बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऊना और हमीरपुर में 50 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक तकनीक वाले दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे.
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