गुजरात में 10 और 11 जुलाई को नेशनल फिश फार्मर्स डे का आयोजन हो रहा है. राज्य के सूचना विभाग की तरफ से बताया गया है कि आणंद और उकाई में इस दिन का आयोजन हो रहा है. नेशनल फिश फार्मर्स डे के आयोजन का मकसद फिशरीज और कृषि उद्योग के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करना है. समारोह के तहत किसानों को गुजरात सरकार की योजनाओं और फिशरीज टेक्नोलॉजी के बारे में और ज्यादा शिक्षित करने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
गुजरात वह राज्य है जो समुद्री मछली के उत्पादन में दूसरे नंबर पर है. जबकि यह देश में कुल मछली उत्पादन में पांचवें नंबर पर आता है. पिछले चार सालों में गुजरात ने करीब 8.38 लाख मीट्रिक टन का औसत वार्षिक उत्पादन का अपना रिकॉर्ड बनाए रखा है. साल 2022-23 में, गुजरात का समुद्री मछली उत्पादन 7,03,000 मीट्रिक टन था. अंतर्देशीय मछली उत्पादन 1,94,422 मीट्रिक टन था जिसकी वजह से कुल मछली उत्पादन 8,97,422 मीट्रिक टन पर पहुंच गया था. साल 2023-24 की बात करें तो इसमें इजाफे के संकेत हैं. माना जा रहा है कि इस दौरान समुद्री मछली उत्पादन 7,02,050 मीट्रिक टन और अंतर्देशीय मछली उत्पादन 2,13,140 मीट्रिक टन तक पहुंच सकता है. इससे कुल अनुमान 9,15,190 मीट्रिक टन हो जाएगा.
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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत, भारत सरकार ने 2022-23 में गुजरात के लिए 286.53 करोड़ रुपये और 2023-24 में 61.55 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इस वजह से उत्पादन में वृद्धि और किसानों के लिए बेहतर आजीविका के साथ फिशरीज सेक्टर तेजी से गति पकड़ रहा है. राज्य सरकार फिशरीज सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है. सरकार की तरफ से डीजल पर वैट दरों में कमी, केरोसिन और पेट्रोल खरीद पर सब्सिडी, झींगा पालन के लिए भूमि आवंटन, सड़क और बिजली के बुनियादी ढांचे में सुधार और छोटे किसानों के लिए बंदरगाह सुविधाओं में वृद्धि जैसे कदम सेक्टर को आगे बढ़ाने के खास उपायों में शामिल हैं. इसके अलावा मधवाड, नवबंदर, वेरावल-2 और सूत्रपाड़ा में चार नए मछली पकड़ने के बंदरगाह बनाने की कोशिशें भी जारी हैं.
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गुजरात ने पिछले साल 21 और 22 नवंबर को अहमदाबाद में पहली ' ग्लोबल फिशरीज कॉन्फ्रेंस 2023' का आयोजन किया गया था. इस साल 27 जनवरी को कच्छ के कोटेश्वर में राष्ट्रीय स्तर का 'नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ सीवीड 2024' का आयोजन भी किया गया था. राज्य सरकार के अनुसार इन पहलों के माध्यम से, गुजरात न केवल ब्लू इकोनॉमी को केंद्र में रख रहा है, बल्कि मछली पालन उत्पादन में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने के लिए नए उपायों को भी प्रोत्साहित कर रहा है.
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