Rice Export: चावल एक्सपोर्ट में भारत की नई उड़ान, बहुत पीछे छूट गए चीन-पाकिस्तान

Rice Export: चावल एक्सपोर्ट में भारत की नई उड़ान, बहुत पीछे छूट गए चीन-पाकिस्तान

India Rice Production: बढ़ती घरेलू मांग के बीच पहली बार भारत का चावल एक्सपोर्ट 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा. एक ही साल में चावल एक्सपोर्ट से हमने करीब 20 हजार करोड़ रुपये ज्यादा कमाए हैं. क्या यह र‍िकॉर्ड अगले साल टूट सकता है? क्या उत्पादन के आंकड़े चावल एक्सपोर्ट को और बढ़ाने के संकेत दे रहे हैं? समझ‍िए पूरा गण‍ित. 

Advertisement
Rice Export: चावल एक्सपोर्ट में भारत की नई उड़ान, बहुत पीछे छूट गए चीन-पाकिस्तानदुन‍िया के सबसे बड़े चावल उत्पादक और न‍िर्यातक देश.

खाद्य तेलों और दालों के आयात पर बढ़ते खर्च के बीच भारत ने चावल एक्सपोर्ट के मामले में बड़ा रिकॉर्ड कायम कर द‍िया है. इतिहास में पहली बार भारत का चावल एक्सपोर्ट र‍िकॉर्ड एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है. विश्व के कुल चावल एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 30 फीसदी से भी अध‍िक हो गई है. चीन और पाकिस्तान जैसे देश तो इस मामले में बहुत पीछे रह गए हैं. बासमती और गैर बासमती दोनों चावल का एक्सपोर्ट 50-50 हजार करोड़ रुपये से अध‍िक हुआ है. भारत में चावल की बंपर पैदावार हुई है, जिसकी वजह से ऐसी उम्मीद जाहिर की जा रही है कि केंद्र सरकार एक्सपोर्ट पर अब किसी भी तरह की शर्त नहीं लगाएगी, जिसकी वजह से अगले साल तक न‍िर्यात का नया रिकॉर्ड बन सकता है.

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स (DGCIS) के मुताबिक 2024-25 में भारत ने 1,05,720 करोड़ रुपये का चावल एक्सपोर्ट किया, जो एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट की कुल वैल्यू का 23.42 फीसदी है. इसमें 55,408 करोड़ गैर बासमती और 50312 करोड़ रुपये का योगदान बासमती चावल का है. साल 2023-24 में हमने चावल एक्सपोर्ट से 86,194 करोड़ रुपये की कमाई की थी. यानी एक ही साल में चावल के एक्सपोर्ट में करीब 20 हजार करोड़ रुपये का इजाफा हो गया है. 

भारत का चावल उत्पादन

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार साल 2024-25 के दौरान भारत ने 1490.74 लाख मीट्रिक टन चावल का उत्पादन किया है, जो पिछले साल के मुकाबले 112.49 लाख टन ज्यादा है. जबकि सरकारी र‍िपोर्ट बताती है क‍ि इस समय भारत में चावल की घरेलू मांग लगभग 1100 लाख मीट्र‍िक टन है. ऐसे में हमारे पास लगभग 390 लाख मीट्र‍िक टन चावल सरप्लस होगा. भारत ने 2024-25 में 202 लाख मीट्र‍िक टन चावल का एक्सपोर्ट क‍िया था. कुल म‍िलाकर आंकड़े यह कहते हैं क‍ि भारत के पास चावल एक्सपोर्ट बढ़ाने की अभी बहुत संभावना है. 

भारतीय चावल के मुरीद 

भारत दुन‍िया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक है, जबक‍ि एक्सपोर्ट करने के मामले में वह पहले नंबर पर है. व‍िभ‍िन्न क‍िस्मों की गुणवत्ता और स्वाद के कारण भारतीय चावल के करीब डेढ़ सौ देश मुरीद हैं. बहरहाल, भारत से गैर बासमती चावल की सबसे ज्यादा खरीद करने वाले पांच देशों में बेनिन, गुएना, कोटे डी आइवर, टोगो और बांग्लादेश शाम‍िल हैं. जबक‍ि बासमती चावल की सबसे ज्यादा खरीद करने वाले देशों में सऊदी अरब, इराक, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और यमन सबसे ऊपर हैं. 

चावल एक्सपोर्ट में चीन-पाक‍िस्तान

जहां दुन‍िया के कुल चावल एक्सपोर्ट में भारत की ह‍िस्सेदारी 30 फीसदी से अध‍िक हो गई है वहीं पाक‍िस्तान का शेयर स‍िर्फ 10.7 फीसदी का है. यह चावल निर्यातक देशों की ल‍िस्ट में चौथे स्थान पर है, ज‍िसमें बासमती चावल का सबसे ज्यादा योगदान है. दूसरी ओर, दुनिया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक होने के बावजूद, चावल एक्सपोर्ट में चीन की ह‍िस्सेदारी स‍िर्फ 2 फीसदी है, क्योंक‍ि वहां घरेलू खपत ज्यादा है.

इसी तरह लगभग 16 फीसदी शेयर के साथ थाईलैंड दुन‍िया का दूसरा और 14 फीसदी के साथ व‍ियतनाम तीसरा सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्टर है. करीब 6 फीसदी ह‍िस्सेदारी के साथ अमेर‍िका व‍िश्व का पांचवां सबसे बड़ा चावल न‍िर्यातक है. इसी तरह कंबोडिया शीर्ष चावल निर्यातक देशों की ल‍िस्ट में छठे स्थान पर है. वैश्विक चावल निर्यात बाजार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 5 फीसदी की है. 

ये भी पढ़ें: एमएसपी गारंटी, खेत-खल‍िहान, क‍िसान और फसलों के दाम पर क्या बोले श‍िवराज स‍िंह चौहान?

ये भी पढ़ें: Pulses Import: आत्मन‍िर्भर भारत के नारे के बीच क्यों 46,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचा दालों का आयात?

POST A COMMENT