बारिश से प्रभावित किसानों को गुजरात सरकार की तरफ से बड़ा ऐलान, 5 जिले के किसानों को मिलेगा मुआवजा

बारिश से प्रभावित किसानों को गुजरात सरकार की तरफ से बड़ा ऐलान, 5 जिले के किसानों को मिलेगा मुआवजा

कृषि मंत्री जीतू वाघानी ने कहा कि दिवाली के त्योहारों के दौरान भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ कई अहम मीटिंग्‍स कीं और किसानों का खास ख्‍याल रखा है.राज्‍य में इस साल हुई बारिश से किसानों की फसलें चौपट हो गई थीं. सरकार ने प्रभावित किसानों को मदद मुहैया कराने के लिए एसडीआरएफ नियमों के तहत 563 करोड़ रुपये और राज्य के बजट में से 384 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद देने का फैसला लिया गया है.

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बारिश से प्रभावित किसानों को गुजरात सरकार की तरफ से बड़ा ऐलान, 5 जिले के किसानों को मिलेगा मुआवजा   गुजरात के किसानों को सरकार की तरफ से मदद का बड़ा ऐलान

गुजरात में भारी बारिश से प्रभावित फसल नुकसान के लिए 947 करोड़ रुपये के कृषि राहत पैकेज की घोषणा की गई है. बाढ़ ग्रस्त वाव-थराद, पाटन के लिए 2500 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने अगस्त और सितंबर-2025 के महीनों में भारी बारिश से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए यह अहम फैसला लिया है. राज्‍य के कृषि मंत्री जीतू वाघानी ने कहा कि दिवाली के त्योहारों के दौरान भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ कई अहम मीटिंग्‍स कीं और किसानों का खास ख्‍याल रखा है. हमने गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी से भी इस पर चर्चा कर उनका मार्गदर्शन लिया है और यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.

कृषि मंत्री ने किया ऐलान 

कृषि मंत्री जीतू वाघानी ने कहा कि दिवाली के त्योहारों के दौरान भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ कई अहम मीटिंग्‍स कीं और किसानों का खास ख्‍याल रखा है.राज्‍य में इस साल हुई बारिश से किसानों की फसलें चौपट हो गई थीं. सरकार ने प्रभावित किसानों को मदद मुहैया कराने के लिए एसडीआरएफ नियमों के तहत 563 करोड़ रुपये और राज्य के बजट में से 384 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद देने का फैसला लिया गया है. इससे कुल कृषि राहत पैकेज 947 करोड़ रुपये का हो गया है. सरकार की तरफ से यह मदद 5 जिलों के 18 तालुकाओं के प्रभावित किसानों को सौंपी जाएगी. 

किया गया 800 गांवों का सर्वे 

मीडिया को जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि जूनागढ़, पंचमहाल , कच्छ, पाटण और वाव-थराद जिलों में फसल क्षति की रिपोर्ट मिलने के बाद, जिला प्रशासन ने 5 जिलों के 18 तालुकों के 800 गांवों का सर्वे किया है और फसल नुकसान की रिपोर्ट हासिल की है. इसमें खरीफ सीजन में लगाई गई फसलों में मुख्य तौर पर अरंडी, घासचारा, बाजरा, कपास, मूंगफली, सब्जियां और दलहन फसलों के साथ-साथ अनार जैसी बागवानी फसलों को नुकसान का पता चला है. 

कुछ किसानों को 2500 करोड़ रुपये

जीतू वाघानी के अनुसार वाव-थराद और पाटण जिलों के निचले इलाकों में विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भारी बारिश और नदियों में बाढ़ के दौरान कृषि योग्य भूमि में लंबे समय तक जलभराव की समस्या पिछले कई सालों से एक बड़ा मसला बना हुआ है. इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए, राज्य सरकार ने बाढ़ शमन उपायों के तौर पर एक खास प्रोजेक्‍ट लागू करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के प्रभावित किसानों की मदद के लिए राज्य में पहली बार 2500 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया जाएगा और अगर ज्‍यादा जरूरत हुई तो 5000 करोड़ रुपये या उससे अधिक का प्रावधान भी किया जाएगा. 

कैसे मिलेगी किसानों को मदद 

फसल क्षति सहायता के लिए राज्य सरकार की तरफ से जो मानदंड तय किए गए हैं, वो इस तरह से हैं- 

  • खरीफ 2025-26 सीजन में बोई गई असिंचित कृषि फसलों में 33 फीसदी या उससे ज्‍यादा की हानि के लिए, एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार प्रति फसल क्षेत्र सीमा है. 
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  • प्रति हेक्टेयर 8,500 रुपये की मदद उपलब्ध है. साथ ही राज्य बजट के तहत 3,500 रुपये की सहायता मिलाकर कुल 12,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, जो प्रति खाते 2 (दो) हेक्टेयर की अधिकतम सीमा के अधीन है. 
  • बारिश आधारित/सिंचित फसलों के 33 फीसदी या ज्‍यादा नुकसान के लिए, एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार बोए गए क्षेत्र की सीमा के भीतर 17,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर की मदद और राज्य बजट के तहत 5,000/- रुपये की मदद मिलाकर कुल 22,000/- रुपये प्रति हेक्टेयर मिलेगा जो 2 (दो) हेक्टेयर प्रति खाते की अधिकतम सीमा तक होगा. 
  • बागवानी फसलों में 33 फीसदी या उससे अधिक नुकसान के लिए, एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार बोए गए क्षेत्र की सीमा के भीतर 22,500/- रुपये की सहायता उपलब्ध है और राज्य बजट के तहत 5,000/- रुपये की सहायता मिलाकर कुल 27,500/- रुपये प्रति हेक्टेयर. 

पाटन के किसानों का खास ख्‍याल 

इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि वाव-थराद और पाटन जिलों में भारी बारिश के कारण अभी भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित किसानों को अधिक आर्थिक मदद मिले. राज्य सरकार ने एक उदार दृष्टिकोण अपनाया है और विशेष मामलों में, प्रति खाते 2 (दो) हेक्टेयर की अधिकतम सीमा के अधीन, 20,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता, राज्य के बजट से भूमि सुधार कार्य के लिए इन क्षेत्रों में प्रभावित किसानों को भुगतान की जाएगी. 

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