भारत में कृषि हमेशा से ही महत्वपूर्ण रही है और दालों का उत्पादन इस क्षेत्र का अहम हिस्सा रहा है. हालांकि, पिछले कुछ दशकों में दालों की आपूर्ति में असंतुलन और आयात की जरूरत भारत के लिए चुनौती बनी हुई है. अब सरकार ने रिकॉर्ड 45 लाख टन दलहन फसलों की खरीद को मंजूरी देकर दालों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. यह कदम न केवल किसानों के लिए फायदेमंद होगा बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को भी मजबूत करेगा. इस खरीद से उन राज्यों के किसानों को सीधा फायदा होगा जहां दलहन फसलों की खेती प्रमुखता से बहुत बड़े रकबे में की जाती है. हालांकि सरकार ने साफ किया है कि हर किसान की 100 फीसद उपज सरकार खरीदेगी.
भारत में दालों की प्रमुख फसलों में तुअर, चना, उड़द, मसूर और मूंग शामिल हैं. सरकार ने दोनों प्रमुख सीजन, यानी खरीफ और रबी में इन दालों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत इनकी खरीद का निर्णय लिया है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उचित मूल्य दिलाना और दलहन उत्पादकों को आय बढ़ाने के अवसर प्रदान करना है.
ये भी पढ़ें: मूंग की चाहिए अधिक पैदावार, तो खेतों में डालें ये 5 पोषक तत्व
सरकार की इस नई पहल का लाभ खासकर उन राज्यों को मिलेगा, जो दलहन उत्पादन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं. कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु जैसे राज्य, जो दलहन उत्पादक राज्यों में शामिल हैं, इस योजना से सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे. इन राज्यों के किसानों को सही मूल्य मिलेगा और उन्हें अपनी फसलों को बेचने में कोई समस्या नहीं आएगी.
ये भी पढ़ें: धान की खेती छोड़ने पर सरकार देगी 8000 रुपये, सीधी बुवाई के लिए भी किसानों को मिलेंगे पैसे
इस पहल का उद्देश्य भारत को दालों में आत्मनिर्भर बनाना है. हाल के वर्षों में दालों के आयात पर निर्भरता काफी बढ़ी है, जिससे न केवल व्यापार घाटा बढ़ा, बल्कि किसानों की आय भी प्रभावित हुई है. इस निर्णय से भारत में दलहन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आयात की जरूरत कम होगी और किसानों के लिए एक स्थिर बाजार तैयार होगा.
भारत में बढ़ती जनसंख्या और बदलते खाद्य पैटर्न को देखते हुए दालों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है. सरकार की यह पहल भारत की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि दालों का उत्पादन घरेलू स्तर पर पर्याप्त मात्रा में हो, और आयात पर निर्भरता कम हो.
भारत में दालों की आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक अहम पहल साबित होगा. यह न केवल किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा का साधन बनेगा, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा. दलहन उत्पादन के क्षेत्र में इस दिशा में किए गए सुधार भारतीय कृषि की समृद्धि और विकास की ओर एक सकारात्मक कदम हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today