खेती-किसानी की यह अच्छी खबर हरियाणा की है. हरियाणा सरकार ने सोमवार को बजट में कई बड़े ऐलान किए. खेती-किसानी को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इसमें सरकार ने बताया कि हरियाणा में धान की खेती छोड़ने वाले और किसी और फसल की खेती करने वाले किसान को अब 8000 रुपये प्रति एकड़ मिलेगा. पहले यह अनुदान राशि 7000 रुपये थी जिसे एक हजार रुपये तक बढ़ा दिया गया है. इसी तरह धान की सीधी बुवाई करने वाले किसानों को भी अब 4000 रुपये की जगह 4500 रुपये मिलेंगे.
बजट के दौरान सरकार ने बताया, 'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना के तहत धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को मिल रही अनुदान राशि 7000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 8000 रुपये प्रति एकड़ मिलेगी. धान की सीधी बुवाई की अनुदान राशि 4000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 4500 रुपये प्रति एकड़ किया गया है. इसी प्रकार धान की पराली का प्रबंध करने वाले किसानों का अनुदान 1000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति एकड़ किया गया है.
आपको बता दें कि हरियाणा और पंजाब में धान की खेती अब बड़ी समस्या बन गई है. धान की खेती को बहुत अधिक मात्रा में पानी चाहिए होता है. इससे भूजल स्तर तेजी से गिरता है. यही वजह है कि हरियाणा और पंजाब में अब पानी बचाओ आंदोलन की स्थिति है. यहां जमीन बंजर होती जा रही है और किसानों का सिंचाई का खर्च बढ़ता जा रहा है क्योंकि पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया है. इस समस्या से निजात के लिए सरकार धान की खेती छोड़कर किसी अन्य फसल की खेती को बढ़ावा दे रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए हरियाणा बजट में किसानों को धान की खेती छोड़ने के लिए 8000 रुपये प्रति एकड़ देने का ऐलान किया गया है.
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बाकी बड़ी घोषणाओं की बात करें तो बजट में प्रदेश के सभी जिलों में बीज परीक्षण लैब बनाने की घोषणा की गई है. किसानों को नकली बीज और कीटनाशक के चुंगल से बचाने के लिए इसी सत्र में बिल लेकर आने का प्रस्ताव है. बीज परीक्षण लैब बनने से किसानों को अपने बीज की क्वालिटी की जांच करवाने में मदद मिलेगी जिससे नकली बीज की समस्या से निजात मिलेगी.
गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गन्ने की मशीन से कटाई कराए जाने के लिए हारवेस्टर मशीन पर सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है. इससे गन्ने की कटाई में होने वाले लेबर के खर्चे में कमी आएगी.
अंबाला, यमुनानगर और हिसार में क्रमश: लीची, स्ट्रॉबेरी और खजूर के लिए तीन नए उत्कृष्ट केंद्र बनाने का प्रावधान है जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी. महिला किसानों को डेयरी, कृषि बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए ब्याज मुक्त एक लाख रुपये का लोन देने का बजट में प्रावधान किया गया है. वर्ष 2024-25 के 25000 एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती के लक्ष्य के मुकाबले इस वर्ष एक लाख एकड़ भूमि का लक्ष्य रखा गया है. इससे लोगों को शुद्ध भोजन मिलेगा.
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अमरूद के लिए अत्याधुनिक प्रसंस्करण और पैकेजिंग प्लांट लगाया जाएगा जिससे इसके उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हिसार एयरपोर्ट में एयर कार्गो के लिए एक गोदाम बनाया जाएगा जिससे कृषि क्षेत्र का निर्यात करने में मदद मिलेगी.
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