देश का एक बड़ा हिस्सा इस साल बाढ़ का दंश झेल रहा है. कई राज्यों में बड़े क्षेत्रफल में फसलें चौपट हुई हैं. कुछ ऐसा ही हाल जम्मू-कश्मीर में भी बने हुए हैं. यहां अनंतनाग जिले में आई अचानक बाढ़ की वजह से सब्ज़ियों की फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है, जिससे किसान चिंता में पड़ गए हैं. गुरुवार को बड़ी मात्रा में सब्जी के खेत बाढ़ के पानी में डूब गए और लगभग तैयार फसलें नष्ट हो गई. किसानों की महीनों की मेहनत बर्बाद हो गई और अब उनकी आजीविका पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है. क्योंकि क्षेत्र के सैकड़ों किसान परिवार आमदनी के लिए सिर्फ सब्जी की खेती पर ही निर्भर हैं.
किसान इस बात की चिंता में हैं कि इतने बड़े नुकसान से वे कैसे उबरेंगे, क्योंकि उनके ऊपर कर्ज का बोझ है और तत्काल कोई मुआवजा मिलने की संभावना नहीं है. कई किसान डर रहे हैं कि अगर तुरंत मदद नहीं मिली तो अगले फसल चक्र की तैयारी भी मुश्किल हो जाएगी. स्थानीय किसानों और गांव के प्रतिनिधियों ने सरकार से तुरंत राहत देने की अपील की है.
किसानों ने फसल नुकसान का मुआवजा देने और भविष्य में ऐसी क्षति को रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की है, ताकि उनकी मुख्य आजीविका सुरक्षित रह सके. कृषि प्रमुख शाहनवाज अहमद शाह ने बताया कि उनके क्षेत्रीय कर्मचारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं.
शाह ने कहा, "प्रारंभिक रिपोर्ट में हमने देखा है कि हमारे अधिकांश दालें, सब्ज़ियां और बाजरा बाढ़ में बह गए हैं, हमारे क्षेत्रीय कर्मचारी आकलन कर रहे हैं, और जैसे ही रिपोर्ट तैयार होगी, हम अपनी मांगें सरकार के सामने रखेंगे"
वहीं, एक पीड़ित किसान ने कहा कि अब हमारे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है और हमारे खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है. मेरी सरकार से अपील है कि इस विनाशकारी घटना के बाद हमें मदद और नुकसान का मुआवज़ा दिया जाए. उन्होंने आगे कहा, "हमारे पास नई बीज भी नहीं हैं, इसलिए हमारी अपील है कि फसल शुरू करने के लिए बीज की भी व्यवस्था की जाए"
क्षति के बारे में एक अन्य किसान अब्दुल गनी ने बताया कि क्षेत्र में बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के कुछ लोग हमारे यहां आए थे और कुछ दस्तावेज़ लिए थे, लेकिन उसके बाद से हमें कोई सूचना नहीं मिली. हमारे लिए मुआवजा तो होना ही चाहिए, क्योंकि हम में से कई लोग पूरी तरह से हारे हुए हैं, हमारे पूरे खेत अब पानी में डूब गए हैं. (एएनआई)
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