इस राज्य में महंगाई से हाहाकार, 200 रुपये किलो हुआ कंकोड़ा, जानें बैंगन, सेम, प्याज, टमाटर का रेट

इस राज्य में महंगाई से हाहाकार, 200 रुपये किलो हुआ कंकोड़ा, जानें बैंगन, सेम, प्याज, टमाटर का रेट

व्यापारियों ने बताया कि कम गुणवत्ता वाला प्याज 35 से 37 रुपये में बिक रहा है, जबकि बेहतर किस्म का प्याज 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. थोक बाजारों में प्याज की कीमत खुदरा मूल्य से पांच रुपये कम है. तीन किलो प्याज की कीमत खुदरा मूल्य से एक-दो रुपये कम है.

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इस राज्य में महंगाई से हाहाकार, 200 रुपये किलो हुआ कंकोड़ा, जानें बैंगन, सेम, प्याज, टमाटर का रेट व्यापारियों ने बताया कि कम गुणवत्ता वाला प्याज 35 से 37 रुपये में बिक रहा है. (सांकेतिक फोटो)

ओडिशा में सिर्फ आलू ही महंगा नहीं हुआ है, बल्कि हरी सब्जियां भी महंगी हो गई हैं. कहा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों में लगभग सभी सब्जियों की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिससे आम आदनी के किचन का बजट पर असर पड़ा है. महंगाई का आलम यह है कि प्रदेश में बैंगन, मिर्च और टमाटर सहित लगभग सभी सब्जियों की खुदरा कीमत 50 रुपये किलो से अधिक हो गई है. ऐसे में कई लोगों ने हरी सब्जियां ही खरीदना छोड़ दिया है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महंगाई का आलम यह है कि सेम का खुदरा मूल्य 110 से 120 रुपये प्रति किलो है, जबकि थोक मूल्य 90 रुपये है. स्थानीय बाजारों में देसी कंकोड़ा 180 से 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इसी तरह शिमला मिर्च, जो थोक गोदामों में 90 रुपये किलो उपलब्ध है. हाट और दुकानों में यह 130 से 140 रुपये प्रति किलो बिक रही है. यहां तक ​​कि कुंदुरी (आइवी गॉर्ड), जो पहले बाजार में सबसे सस्ती सब्जियों में से एक थी, अब 36 से 40 रुपये में बिक रही है. इसी तरह फूलगोभी 60 से 70 रुपये प्रति पीस बिक ​​रही है, जबकि पत्तागोभी 40 रुपये किलो मिल रही है.

वहीं, थोक मार्केट में भिंडी 30 से 35 रुपये किलो बिक रही है. ऐसे में कटक और भुवनेश्वर के खुदरा मार्केट में आते-आते इसका रेट 50 रुपये प्रति किलो हो जा रहा है. कद्दू जो आम तौर पर 15 या 20 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है, अब 40 रुपये महंगा हो गया है. इसी तरह, ओडिया रसोई में एक और आम सब्जी बैंगन की कीमत पिछले हफ्ते से दोगुनी हो गई है. स्थानीय बाजार में 20 से 25 रुपये किलो मिलने वाली यह सब्जी अब 60 से 80 रुपये में बिक रही है. कटक जिले के राजहंसा में उगाई जाने वाली स्थानीय किस्म की बैंगन शनिवार को 70 से 80 रुपये प्रति किलो बिक रही थी.

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टमाटर के रेट में गिरावट

व्यापारियों ने बताया कि कम गुणवत्ता वाला प्याज 35 से 37 रुपये में बिक रहा है, जबकि बेहतर किस्म का प्याज 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. थोक बाजारों में प्याज की कीमत खुदरा मूल्य से पांच रुपये कम है. तीन किलो प्याज की कीमत खुदरा मूल्य से एक-दो रुपये कम है. उपभोक्ताओं को राहत देने वाली एकमात्र चीज टमाटर और कच्चा पपीता है, जिसकी कीमतें घटकर क्रमश: 60 रुपये और 25 रुपये प्रति किलो रह गई हैं. पिछले सप्ताह तक पपीता 30 से 35 रुपये में बिक रहा था, जबकि टमाटर की कीमत 80 रुपये तक पहुंच गई है.

क्या कहते हैं व्यापारी

भुवनेश्वर और कटक दोनों के व्यापारी संघों ने कीमतों में उछाल के लिए आपूर्ति की कमी और मानसून के कारण अधिक मात्रा में बर्बादी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि राज्य में सब्जियों का उत्पादन नगण्य है. उन्होंने कहा कि जो उत्पादन होता है, वह स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त नहीं है. इसलिए, राज्य अपनी सब्जी की जरूरतें दूसरे राज्यों से पूरी करता है. भुवनेश्वर के यूनिट-1 बाजार के सब्जी विक्रेताओं के संघ के सचिव कबीराज स्वैन ने कहा कि साल में आठ महीने ओडिशा तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की थोक मंडियों से सब्जियां खरीदता है.

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पश्चिम बंगाल से आलू का आयात

उन्होंने कहा कि चूंकि पश्चिम बंगाल से आलू के ट्रकों को ओडिशा आने की अनुमति नहीं दी गई है, इसलिए पड़ोसी राज्य के कई सब्जी उत्पादकों ने अपना स्टॉक राज्य में नहीं भेजा है. पश्चिम बंगाल से लौकी, लोबिया, लौकी, भिंडी, करेला, मिर्च जैसी सब्जियां खरीदी जाती हैं. आमतौर पर, भुवनेश्वर में ऐगिनिया और यूनिट-1 बाजार उपर्युक्त राज्यों से 100 ट्रक सब्जियां खरीदते हैं. हालांकि, उस दिन दोनों बाजारों में केवल 40 ट्रक ही पहुंचे. ऐगिनिया थोक व्यापारी संघ के अध्यक्ष शक्ति मिश्रा ने कहा कि चूंकि स्रोत बाजारों में बारिश के कारण आपूर्ति कम है, इसलिए कीमतें पहले से ही अधिक हैं. 

 

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