ओडिशा में आलू की किल्लत हो गई है. इससे कीमतों में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है. महंगाई का आलम यह है कि कीमत 50 रुपये किलो के पार पहुंच गई है. आम आदनी को आलू खरीदने के लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है. ऐसे में कहा जा रहा है कि देश के प्रमुख आलू उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल में इसकी सप्लाई पर बैन लगाने से ओडिशा में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. क्योंकि पश्चिन बंगाल से ही ओडिशा में सबसे अधिक आलू की सप्लाई होती है. लेकिन आपूर्ति पर बैन लगने से हालात बद से बदतर हो गए हैं. इसी बीच विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखकर आलू की आपूर्ति को स्मूथ बनाने का अनुरोध किया है.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पटनायक ने अपने पत्र में कहा कि बारिश के कारण ओडिशा के बाजार में आलू की आपूर्ति कम हो गई है, जिसके चलते इसकी कीमत में बहुत अधिक वृद्धि हुई है, जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है. वहीं, इसके एक दिन बाद, ओडिशा के सीएम मोहन माझी ने नीति आयोग की बैठक के दौरान नई दिल्ली में अपने पश्चिम बंगाल के समकक्ष से मुलाकात की और उनसे हस्तक्षेप करने की भी मांग की. गौरतलब है कि भारत सरकार के एग्री एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के अनुसार, पश्चिम बंगाल देश में आलू के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है, जिसने 2021-22 में देश के कुल हिस्से का 23.51 प्रतिशत उत्पादन किया. यह उत्तर प्रदेश (29.65 प्रतिशत) के बाद दूसरे स्थान पर है.
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ऐसे भी ओडिशा आलू की अपनी ज़रूरतों के लिए काफ़ी हद तक पश्चिम बंगाल पर निर्भर है, जो राज्य का मुख्य भोजन है. बाज़ार सूत्रों के अनुसार, राज्य को हर साल 13 लाख मीट्रिक टन से ज़्यादा आलू की ज़रूरत होती है, लेकिन यहां 3 लाख मीट्रिक टन से भी कम आलू का उत्पादन होता है. बंगाल में आलू व्यापारियों ने दूसरे राज्यों को आलू की आपूर्ति करते समय राज्य पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा कथित उत्पीड़न के ख़िलाफ़ अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है. इससे आलू की कमी हो गई है और बदले में राज्य में कीमतें आसमान छू रही हैं. जबकि, कीमतों को कम करने के प्रयास में, पश्चिम बंगाल सरकार 23 जुलाई से दूसरे राज्यों को आलू की आपूर्ति सीमित कर रही है.
इस बीच, कम आपूर्ति के कारण ओडिशा में आलू की कीमतें बढ़ गई हैं, जबकि राज्य सरकार ने आलू की कीमतें 32 रुपये प्रति किलोग्राम पर सीमित करने के आदेश जारी किए हैं. यह वर्तमान में खुदरा में 50-55 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बिक रहा है. ओडिशा के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने कहा कि आपूर्ति को सुचारू बनाने के प्रयास में दोनों सरकारों के अधिकारी संपर्क में हैं. पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि पश्चिम बंगाल के अधिकारियों ने बताया है कि 21-24 जुलाई को व्यापारियों की हड़ताल के कारण आलू की सामान्य आपूर्ति बाधित हुई है. आलू की सामान्य आपूर्ति बहाल होने में एक या दो दिन लगेंगे.
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शुक्रवार को मंत्री ने कहा था कि अगर आपूर्ति जल्द ही सुचारू नहीं हुई तो राज्य सरकार अपनी मांग को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश का रुख करेगी. अप्रैल 2015 में ओडिशा सरकार ने राज्य में आलू की खेती बढ़ाने के लिए आलू मिशन शुरू किया था. इस पहल का उद्देश्य भंडारण और वितरण प्रणाली को मजबूत करना भी था. हालांकि, मिशन वांछित परिणाम हासिल करने में विफल रहा, जिसका मुख्य कारण पर्याप्त भंडारण सुविधाओं की कमी बताया गया. हालांकि राज्य के कोरापुट और कंधमाल क्षेत्रों में आलू की खेती की जाती है, लेकिन किसानों को अक्सर मजबूरी में आलू बेचना पड़ता है.
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