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बंगाल में भी गिरे आलू के दाम, किसानों ने सड़कों पर उपज फेंक कर जताया विरोध

बंगाल में भी गिरे आलू के दाम, किसानों ने सड़कों पर उपज फेंक कर जताया विरोध

आलू के दाम प्रति क्विंटल 1000 रुपये दिलाए जाने के साथ ही दूसरे राज्यों और विदेशों में आलू निर्यात करने की छूट मांगी गई है. किसानों का कहना है कि सरकार ऐसी छूट देती है तो आलू के दाम में बढ़ोतरी हो सकती है. पश्चिम बंगाल प्रांतीय किसान सभा के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने शनिवार को पूर्व बर्दवान के अमरा इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग को करीब 45 मिनट तक जाम कर दिया.

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आलू के दाम कम मिलने से बंगाल के किसान नाराज हैं आलू के दाम कम मिलने से बंगाल के किसान नाराज हैं

आलू के गिरते दामों का असर बंगाल तक पहुंच गया है. बंगाल के किसान भी आलू के गिरते दाम को लेकर सड़कों पर उतर गए हैं. किसानों ने विरोध जताते हुए दाम बढ़ाने या राहत राशि देने की मांग की है. हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जिसमें किसानों ने आलू की उपज को खेतों में फेंक दिया या गाय-भैंसों के खिला दिया. कई जगह किसानों ने विरोधस्वरूप आलू की खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. किसानों की नाराजगी इस बात को लेकर रही कि उन्हें आलू की लागत नहीं मिल पा रही है. यहां तक एक किलो आलू उगाने में 8-10 रुपये का खर्च आता है, जबकि किसानों को प्रति किलो तीन-चार रुपये भी नहीं मिल रहे. ऐसा ही हाल बंगाल में देखने को मिल रहा है.

बंगाल के कई इलाकों के किसान आलू की सही कीमत नहीं मिलने से परेशान हैं. किसानों की मांग है कि राज्य सरकार उन्हें 1000 रुपये प्रति क्विंटल यानी 500 रुपया प्रति बोरी दाम दिलाए. ऐसा नही होता है तो किसान अपना व्यापक आंदोलन शुरू करेंगे. किसानों ने अपनी पांच सूत्री मांगों के साथ विरोध प्रदर्शन किया. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएम के किसान संगठन ने टायर जलाकर, सड़क पर आलू फेंककर और आलू जलाकर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया और अपनी आवाज बुलंद की.

किसानों ने अपनी पांच सूत्री मांगों में कई बातों पर सरकार का ध्यान खींचा है. आलू के दाम प्रति क्विंटल 1000 रुपये दिलाए जाने के साथ ही दूसरे राज्यों और विदेशों में आलू निर्यात करने की छूट मांगी गई है. किसानों का कहना है कि सरकार ऐसी छूट देती है तो आलू के दाम में बढ़ोतरी हो सकती है. पश्चिम बंगाल प्रांतीय किसान सभा के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने शनिवार को पूर्व बर्दवान के अमरा इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग को करीब 45 मिनट तक जाम कर दिया. 

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विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों ने 'आलू चास और आलू किसानों को बचाओ' का नारा लगाया. सड़क जाम के कारण कोलकाता-दुर्गापुर और दुर्गापुर-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई वाहन फंस गए. बाद में प्रशासन ने 13 तारीख को किसान आंदोलन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक का वादा किया, तब जाकर सड़क जाम खत्म हुआ और गाड़ियों का आवागमन शुरू हुआ.

इससे पहले आलू के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की मांग को लेकर हुगली में किसानों ने बीच सड़क पर आलू फेंककर विरोध प्रदर्शन किया. हुगली के तारकेश्वर के पियासारा इलाके में बामफ्रंट कृषक संगठनों से ताल्लुक रखने वाले किसानों ने डानकुनी-आरामबाग अहिल्याबाई रोड पर अवरोध करके यह विरोध प्रदर्शन किया. किसान संगठनों के इस आंदोलन के कारण हुगली के डानकुनी-आरामबाग अहिल्याबाई रोड पर घंटों वाहनों का जाम लग गया. लगभग एक घंटे तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद आंदोलनकारियों ने एक नुक्कड़ मीटिंग भी की.

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आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बाम कृषक संगठन के नेता ने बताया कि सरकार की तरफ से आलू का प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य 650 रुपये निर्धारित किया गया है जो आलू उगाने के खर्चे को भी पूरा नहीं कर पाता. इसलिए किसानों ने सरकार से कम से कम आलू का प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य 1000 रुपये करने की मांग की है. आंदोलनकारियों ने धमकी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे इससे भी बड़ा आंदोलन करेंगे.(वर्दवान से सुजाता मेहरा और हुगली से भोला साहा की रिपोर्ट)