तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में सोमवार को तनाव की स्थिति पैदा हो गई. मामला किसानों से जुड़ा है. दरअसल, मूंगफली के कम दाम को लेकर किसान नगरकुरनूल के व्यापारियों से भिड़ गए. घटना अच्चमपेट कृषि मंडी की है जहां किसानों और व्यापारियों के बीच भिड़ंत हो गई. यहां किसानों ने मूंगफली के उचित दाम के लिए शुरू में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया, लेकिन बाद में जब मंडी प्रशासन किसानों की मांग मानने में नाकाम रहा तो प्रदर्शन हिंसक हो गया.
गुस्साए किसानों ने मंडी के दफ्तर पर हमला बोल दिया. नाराज किसानों ने मार्केट कमेटी अध्यक्ष के पति और स्टाफ मेंबर्स पर भी हमला बोल दिया. अफरा-तफरी में किसानों ने ऑफिस के फर्नीचर को भी तोड़ दिया.
किसानों ने मार्केट कमेटी की चेयरपर्सन ए राजिता के पति ए मल्लेश और कुछ अन्य कर्मचारियों की पिटाई कर दी. आरोप है कि मल्लेश और व्यापारियों की मिलीभगत है, किसानों ने उनके साथ गाली-गलौज की और मारपीट की. गुस्सा बढ़ने पर मल्लेश भागने में कामयाब हो गए और खुद को मार्केट ऑफिस में बंद कर लिया. हालांकि, किसानों ने दरवाजे तोड़ दिए और ऑफिस में रखे फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया.
इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी गई जिसके बाद एक पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची. पुलिस ने सबसे पहले बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया.
किसानों ने आरोप लगाया कि तीन दिन पहले तक एक क्विंटल मूंगफली का भाव करीब 7,000 रुपये था. सोमवार को व्यापारियों ने उचित दाम नहीं दिए और खराब क्वालिटी और अन्य कारणों का हवाला देकर भाव 4,000 से 4,500 रुपये प्रति क्विंटल कर दिए. इसके अलावा किसानों ने यह भी शिकायत की कि उनके स्टॉक का वजन ठीक से नहीं किया जा रहा है.
इस बारे में मंडी अधिकारियों को भी बताया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. व्यापारियों और कृषि मंडी अधिकारियों के व्यवहार से नाराज किसानों ने मंडी दफ्तर पर हमला कर दिया. हमले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया.
एक तरफ नाराज किसानों को हटाया और दूसरी ओर मंडी के दफ्तर में ताला मारकर स्थिति पर काबू किया. हालांकि इस पूरी घटना में कोई जख्मी नहीं हुआ और स्थिति गंभीर रूप से बिगड़ने से बच गई. अधिकारी इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. बाद में किसानों को समझा कर पुलिस ने उन्हें अपने-अपने घर को भेज दिया.
दूसरी ओर, भोंगिर कलेक्टरेट पर बड़ी संख्या में किसानों ने रविवार को धरना दिया. किसानों की शिकायत है कि रीजनल रिंग रोड के लिए उनकी जमीन ली गई, लेकिन उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. इन किसानों को बीआरएस, बीजेपी और सीपीएम जैसी पार्टियों का समर्थन मिल रहा है. किसानों का कहना है कि पहले से घोषित मुआवजे में संशोधन कर उसे बढ़ाया जाए, अन्यथा उनकी जमीन छोड़ दी जाए.
कलेक्टरेट पर चल रहे विरोध प्रदर्शन को बाद में पुलिस ने हटवा दिया. पुलिस ने तर्क दिया कि इससे तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है, लिहाजा किसानों को हट जाना चाहिए. बाद में किसान अपनी मांगों को तेज करते हुए वहां से हट गए. स्थिति को शांत करने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई. (अब्दुल बशीर का इनपुट)
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