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यूपी-ब‍िहार की वजह से गेहूं खरीद के लक्ष्य से पीछे रह सकती है केंद्र सरकार

यूपी-ब‍िहार की वजह से गेहूं खरीद के लक्ष्य से पीछे रह सकती है केंद्र सरकार

Wheat Procurement: सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में अब तक 2 लाख मीट्र‍िक टन की भी नहीं हुई खरीद. पंजाब, हर‍ियाणा और मध्य प्रदेश में अब स‍िर्फ 35 लाख मीट्र‍िक टन की खरीद बाकी. यूपी, ब‍िहार और उत्तराखंड का सबसे बुरा हाल.  

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गेहूं की सरकारी खरीद का क्या है हाल? (Photo-Kisan Tak).   गेहूं की सरकारी खरीद का क्या है हाल? (Photo-Kisan Tak).

बफर स्टॉक के लिए गेहूं खरीद की रफ्तार अब धीमी हो गई है. प‍िछले एक सप्ताह में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मुश्क‍िल से 11 लाख मीट्र‍िक टन ही गेहूं खरीदा जा सका है. भारतीय खाद्य न‍िगम यानी एफसीआई के अनुसार 14 मई तक स‍िर्फ 258 लाख मीट्र‍िक टन की खरीद पूरी हुई है. जबक‍ि टारगेट 341.5 लाख मीट्र‍िक टन का है. यानी अभी 83.5 लाख मीट्र‍िक टन की और खरीद होगी तब जाकर लक्ष्य पूरा हो पाएगा. लेक‍िन ऐसा होता संभव नहीं द‍िख रहा. यूपी और ब‍िहार में सरकारी खरीद की खराब स्थ‍िति केंद्र का टारगेट पूरा न होने की वजह बन सकती है. अगर सबसे ज्यादा खरीद करने वाले पंजाब, हर‍ियाणा और मध्य प्रदेश अपने राज्य का टारगेट पूरा कर लें तो भी केंद्र का लक्ष्य पूरा नहीं होगा. क्योंक‍ि इन तीन राज्यों में अब स‍िर्फ 35 लाख मीट्र‍िक टन की ही खरीद बाकी है. 

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गेहूं सूबा है. इसकी कुल उत्पादन में ह‍िस्सेदारी 32 फीसदी से अध‍िक है. लेक‍िन सरकारी खरीद में यह बहुत पीछे है. रबी मार्केट‍िंग सीजन 2022-23 के दौरान उत्तर प्रदेश में 60 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया था. लेक‍िन स‍िर्फ 3.36 लाख मीट्र‍िक टन की ही खरीद हो पाई थी. इस बार यानी 2023-24 में यहां से गेहूं खरीद का लक्ष्य और घटाकर स‍िर्फ 35 लाख मीट्र‍िक टन कर द‍िया गया. लेक‍िन, 14 मई तक इतने बड़े प्रदेश में स‍िर्फ 1,93,545 टन ही गेहूं खरीदा जा सका है. ऐसे में अगर केंद्र सरकार का लक्ष्य पूरा नहीं होता है तो उसके ल‍िए बड़ा ज‍िम्मेदार उत्तर प्रदेश को माना जाएगा. 

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ब‍िहार भी गेहूं खरीद में फ‍िसड्डी

ब‍िहार आमतौर पर फसलों की सरकारी खरीद में काफी पीछे रहा है. प‍िछले 14 साल में कभी भी यहां गेहूं की खरीद अच्छी नहीं रही. इस दौरान सबसे अच्छी खरीद साल 2011-12 में हुई थी जब सेंट्रल पूल यानी बफर स्टॉक के ल‍िए 5.57 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदा गया था. दूसरी बार अक्ष्छी खरीद 4.56 लाख मीट्र‍िक टन के साथ 2021-22 में हुई. लेक‍िन, हमेशा की तरह इस बार भी स्थ‍िति खराब है. यहां 10 लाख मीट्र‍िक टन खरीद का टारगेट द‍िया गया था जबक‍ि स‍िर्फ 467 मीट्र‍िक टन गेहूं ही खरीदा जा सका है. ऐसे में ब‍िहार भी केंद्र की गेहूं खरीद न पूरी होने का एक बड़ा फैक्टर बनेगा. 

इसी तरह उत्तराखंड में स‍िर्फ 189 मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदा गया है जबक‍ि 2 लाख मीट्रिक टन का टारगेट है. गुजरात को भी इतना ही टारगेट द‍िया गया है लेक‍िन खरीद ब‍िल्कुल नहीं हुई है. राजस्थान को 5 लाख मीट्र‍िक टन का टारगेट द‍िया गया था और इसने 3.5 लाख टन का टारगेट पूरा कर ल‍िया है. 

तीन राज्यों पर ज्यादा भरोसा 

  • पंजाब में अब स‍िर्फ 12 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं की खरीद बाकी है. को 132 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य द‍िया है. यह लक्ष्य वहां पूरा होता द‍िखाई दे रहा है. क्योंक‍ि वहां अब तक 1,20,30,161 मीट्र‍िक टन की खरीद हो चुकी है. यहां 31 मई तक सरकारी खरीद जारी रहेगी. 
  • मध्य प्रदेश में अब स‍िर्फ 11 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं और खरीदा जाना है. अब तक यहां 68,84,607 मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. यहां पर 80 लाख मीट्र‍िक टन खरीद का लक्ष्य है. 
  • केंद्र सरकार ने हर‍ियाणा को 75 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य द‍िया है. यहां पर 14 मई तक 62,90,833 मीट्र‍िक टन की खरीद हो चुकी है. यानी यहां भी 12 लाख मीट्र‍िक की ही खरीद बाकी रह गई है. 

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