15 जून से पहले धान बोया तो फसल कर देंगे नष्‍ट: हरियाणा के पानीपत में किसानों को चेतावनी 

15 जून से पहले धान बोया तो फसल कर देंगे नष्‍ट: हरियाणा के पानीपत में किसानों को चेतावनी 

समय से पहले धान की खेती रोकने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. गांव के सचिव, पटवारी और कृषि अधिकारी की एक ज्‍वॉइन्‍ट टीमों का गठन किया गया है. यह टीमें पुलिस के साथ जाकर खेतों में निरीक्षण करेंगी. अगर कोई किसान 15 जून से पहले धान की रोपाई करता पाया गया तो उसकी फसल तुरंत नष्‍ट कर दी जाएगी. कृषि विभाग ने डिविजन सेक्‍शन लेवल पर खास टीमें बनाई हैं.

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15 जून से पहले धान बोया तो फसल कर देंगे नष्‍ट: हरियाणा के पानीपत में किसानों को चेतावनी तय समय से पहले धान की बुवाई पर सख्‍त हरियाणा

हरियाणा सरकार ने पानीपत जिले में गिरते भूजल स्‍तर को ध्यान में रखते हुए पिछले दिनों एक बड़ा फैसला लिया है. यहां पर किसान 15 जून से पहले धान की बुवाई नहीं कर पाएंगे. अगर किसानों ने सरकार का आदेश नहीं माना या फिर इसे तोड़ने की कोशिश की तो फिर उन्‍हें कड़ी सजा दी जाएगी. पानीपत के डिप्‍टी कलेक्‍टर (डीसी) की तरफ से इस बाबत एक बड़ा फैसला लिया गया है. पंजाब से सटे हरियाणा में भी 15 जून से ही धान बोया जाता है. लेकिन बताया जा रहा है कि पानीपत के कुछ किसान इससे पहले धान की फसल बोने की तैयारी में लगे थे. 

आदेश तोड़ने पर क्‍या कार्रवाई 

पानीपत के ड‍ीसी वीरेंद्र दहिया की तरफ से पिछले दिनों धान की बुवाई को लेकर साफ निर्देश जारी किए गए हैं. उन्‍होंने साफ कर दिया है कि तय तारीख से पहले अगर धान की रोपाई हुई तो फिर सख्त कार्रवाई की जाएगी. डीसी ने कहा है कि जो भी किसान इस आदेश को तोड़ेगा उस पर जुर्माना तो लगाया ही जाएगा साथ ही साथ उसकी फसल को नष्‍ट कर दिया जाएगा. साथ ही फसल नष्‍ट करने का खर्च भी किसान से ही वसूला जाएगा.

प्रशासन ने की पूरी तैयारी 

समय से पहले धान की खेती रोकने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. गांव के सचिव, पटवारी और कृषि अधिकारी की एक ज्‍वॉइन्‍ट टीमों का गठन किया गया है. यह टीमें पुलिस के साथ जाकर खेतों में निरीक्षण करेंगी. अगर कोई किसान 15 जून से पहले धान की रोपाई करता पाया गया तो उसकी फसल तुरंत नष्‍ट कर दी जाएगी. कृषि विभाग ने डिविजन सेक्‍शन लेवल पर खास टीमें बनाई हैं. ये टीमें सुनिश्चित करेंगी कि कहीं भी आदेश का उल्लंघन न हो. इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी जिला स्तर पर भी की जाएगी.

हरियाणा में भूजल संकट 

पंजाब की ही तरह हरियाणा में भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है. धान एक ऐसी फसल है जिसे बहुत ज्‍यादा पानी की जरूरत होती है. समय से पहले धान की रोपाई करने से गर्मी के मौसम में पानी की खपत बहुत बढ़ जाती है जिससे भूजल स्तर और नीचे चला जाता है. हरियाणा सरकार ने साल 2009 में ‘हरियाणा प्रिजर्वेशन ऑफ सबसॉयल वाटर एक्ट’ को लागू किया था. इस एक्‍ट के तहत 15 जून से पहले धान की बुवाई और रोपाई पर सख्त प्रतिबंध है. 

किसानों से की खास अपील 

डीसी वीरेंद्र दहिया के अनुसार पानीपत जिले में हर साल करीब 90 हजार हेक्टेयर में धान की खेती होती है. इतनी बड़ी मात्रा में खेती होने से अगर समय से पहले रोपाई शुरू हो गई तो भूजल पर भारी दबाव पड़ेगा. उन्‍होंने किसानों से अपील की है कि वे जिम्मेदारी समझते हुए निर्देशों का पालन करें. उनका कहना था कि भूजल प्रकृति की सबसे बेशकीमती धरोहर है जिसे बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है. डीसी ने किसानों से अनुरोध किया है कि वो 15 जून के बाद ही अपने खेतों में धान की रोपाई करें और इसके पहले किसी भी हालत में पानी न छोड़े. 

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