मछलियों का चारा मछली पालन का बड़ा खर्च होता है. आप जितना अच्छा चारा खिलाएंगे, मछलियों का वजन और साइज उतना ही तेजी से बढ़ेगा. मगर अच्छा चारा चाहिए तो आपको दाम भी अधिक देना होगा. यही वजह है कि मछली पालन करने वाले किसान सबसे अधिक तंग महंगे चारे को लेकर रहते हैं. उनके सामने यही सवाल रहता है कि सस्ते चारे का जुगाड़ कैसे करें ताकि मछली पालन की लागत कम रहे. किसानों की इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए आज हम बताएंगे कि किसान मछलियों के लिए सस्ता चारा कैसे जुटा सकते हैं.
कितना अच्छा हो अगर किसान को बाजार से महंगा चारा न खरीदना पड़े. कितना अच्छा होगा अगर किसान मछलियों के चारे में आत्मनिर्भर हो जाए. इसका एक ही उपाय है कि किसान खुद भी घर पर मछलियों का चारा बनाए. इसके लिए वह फिश फीड मेकिंग मशीन यानी मछली चारा बनाने की मशीन घर पर लगा सकते हैं. आखिर क्या है मशीन, कैसे करती है काम और कितना है इसकी कीमत. इन तमाम बातों की जानकारी हम आपको दे रहे हैं.
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आम मशीन की तरह फिश फीड मेकिंग मशीन भी होती है जिसमें आप मछलियों का चारा बना सकते हैं. बस आपको इसमें कच्चा माल डालना है और दूसरी ओर पूरी तरह से तैयार फीड मिल जाएगा. यह वह फीड है जिसे बाजार से खरीदने के लिए आपको भारी-भरकम पैसा खर्च करना होता है. फीड बनाने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना है, जैसे कि फीड का कच्चा माल क्या होगा. इसका सीधा जवाब है कि जो फीड आप मछली को देना चाहते हैं उसका पाउडर या आटा फीड के कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.
उदाहरण के लिए सरसों की खली का दाना मछलियों के लिए अच्छा माना जाता है. इसके अलावा सोयाबीन और मक्के का आटा दाने के तौर पर बेस्ट माना जाता है. आजकल बाजार में मक्के का दाम भी इसीलिए अधिक है क्योंकि पोल्ट्री और मछलियों के दाने के रूप में इसका इस्तेमाल अधिक हो रहा है. आप अगर इसका खर्च बचाना चाहते हैं तो खुद के खेत में उगाए मक्का, चना और सरसों का आटा पिसवा लें और फिश फीड मशीन में डालकर उसका दाना तैयार कर लें. यह काम सस्ता होगा और इससे मछलियों को पालना आसान होगा.
इसके अलावा आप मशीन में मैदे का दाना और चावल की भूसी से भी चारा तैयार कर सकते हैं. मछलियों को मैदे का दाना देने से उनकी चमक बढ़ती है. आप अगर और भी खर्च बचाना चाहते हैं तो इन अनाजों को खुद ही घर पीसने का इंतजाम करें जिससे कि कच्चा माल बिल्कुल शुद्ध मिलेगा.
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बात करें कीमत की तो जैसी मशीन, वैसा दाम होगा. इसमें भी हाथ से चलाने वाली और ऑटोमेटिक मशीनें आती हैं. हाथ से चलाने वाली मशीनें सस्ती हैं जबकि ऑटोमेटिक मशीनें महंगी आती हैं. वही खुद के खर्च के लिए छोटी मशीन लेने पर दाम कम होगा, मगर कमर्शियल इस्तेमाल के लिए मशीन खरीदें तो दाम अधिक होगा. इस तरह मशीनों की खासियतों और काम के आधार पर इसकी कीमत 45,000 रुपये से शुरू होकर ढाई लाख तक जा सकती है. आपको तय करना है कि किस पैमाने पर मछली पालन करते हैं और कितना फीड बनाना है. अधिक फीड चाहिए तो बड़ी मशीन और महंगा दाम देना होगा.
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