महाराष्ट्र में किसानों के लंबे इंतजार के बाद कपास के दाम बढ़ने लगे हैं. राज्य की एक मंडी में इस हप्ते कपास का दाम आठ हजार रुपये प्रति क्विंटन के पार चला गया है जो इसके लिए तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से लगभग 1400 रुपये अधिक है. राज्य की ज्यादातर मंडियों में कपास की कीमतें एमएसपी के ऊपर बनी हुई हैं, जिससे किसानों को राहत मिली है. हालांकि कब भी दाम 2021 और 2022 के स्तर से काफी कम है, क्योंकि तब कपास 9000 से 12000 रुपये क्विंटल तक की कीमत पर बिक रहा था. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार अकोला जिले की अकोट मंडी में मध्यम रेशे के कपास का अधिकतम दाम 28 मई को 8045 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था. औसत दाम 8000 और न्यूनतम 7350 रुपये रहा.
केंद्र सरकार ने 2023-24 के लिए गुणवत्ता के हिसाब से कपास का एमएसपी 6620 और 7020 रुपये क्विंटल तय किया है. मध्यम रेशे वाली किस्मों का एमएसपी 6620 रुपए प्रति क्विंटल और लंबे रेशे वाली श्रेणियों का 7020 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है. अधिकांश मंडियों में दाम इससे अधिक हो चुका है. अकोट मंडी में आठ हजार रुपये से अधिक दाम 2600 क्विंटल की बंपर आवक के बावजूद रिकॉर्ड किया गया. इसी तरह 29 मई को हिंगणघाट में अधिकतम दाम 7685 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
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बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल किसानों को कपास की कीमतें एमएसपी से ज्यादा ही मिलती रहेंगी, क्योंकि उत्पादन पिछले साल से कम है. पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष उत्पादन लगभग 21 लाख गांठ कम है. एक गांठ में 170 किलोग्राम कपास आता है. इस वर्ष 2023-24 में कपास का उत्पादन 323.11 लाख गांठ है, जो पिछले साल (2022-23) 343.47 लाख गांठ था. इसलिए किसानों को अब सही दाम मिलने की उम्मीद बंधी है.
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